सरगुजा:इस नियुक्ति के लिए वकील और सामाजिक कार्यकर्ता लंबे समय से प्रयासरत हैं लेकिन सकारात्मक परिणाम नही आये. राज्य सरकार पर आरोप है कि जानबूझकर सरगुजा में नियुक्त को टाला जा रहा है. बड़ी बात यह है कि उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय भी स्थानीय विधायक अमरजीत भगत के पास है बावजूद इसके उनके गृह जिले की स्थिति विवादित है.
शासन से लेकर सीएम तक से लगाई गुहार:इस सम्बंध में सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता दिनेश सोनी कहते हैं कि "दो वर्षों से उपभोक्ता आयोग सरगुजा बंद पड़ा है. जिसको लेकर धरना प्रदर्शन किया गया. राज्य शासन को लिखा गया. मुख्यमंत्री से मिलकर निवेदन किया गया. हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया. लेकिन इन सबके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. मैंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. वहां मामला लंबित है सुनवाई बाकी है. लगातार शिकायत के लिखा पढ़ी करने पर छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में तो नियुक्ति कर दी गई. लेकिन सरगुजा में जहां से मंत्री महोदय आते हैं उस जिले में सदस्य और अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई"
राजनीति के कारण नियुक्ति लटकी:दिनेश सोनी कहते हैं कि "ये सब राजनीतिक मामला है. इसमें कोई भी नियुक्ति नही करना चाहता. क्योंकी सब चाहते हैं कि हमारे संगठन के हमारे व्यक्ति लोग आयें. किसी की भी नियुक्ति होनी चाहिए क्योंकी 2 साल से न्यायालय में एक भी प्रकरण की सुनवाई नही हो रही है. न्यायालय के जो कर्मचारी हैं वो 2 साल से बैठे हुये हैं. बंद करने के बाद जहां न्यायालय चालू हैं. इन्हें वहां भेजना चाहिये. क्योंकी लाखों रुपये वेतन भत्ता इन्हें फ्री में दिया जा रहा है.
world consumer rights day 2023: सरगुजा का उपभोक्ता फोरम 2 साल से बंद, सैकड़ों मामले पड़े पेंडिंग - उपभोक्ता फोरम
15 मार्च को उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है. यह दिवस इसलिए मनाया जाता है. ताकी उपभोक्ता अपने अधिकारों को समझे और स्वीकारें. लेकिन सरगुजा जिले में उपभोक्ता दिवस के मायने बदल चुके हैं. यहां अधिकारों को समझने और स्वीकारने के बाद उसके संरक्षण की सुविधा ही बंद पड़ी है. 2 वर्ष से अधिक समय से जिले में उपभोक्ता फोरम में किसी की नियुक्ति ही नहीं हुई है. ऐसे में सैकड़ों मामले पेंडिंग हैं. उपभोक्ता अपनी शिकायत करने के लिये फोरम में नियुक्त का इंतजार कर रहे हैं.
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लाखों का वेतन फ्री में ले रहे कर्मचारी:दिनेश सोनी कहते हैं कि "मेरे द्वारा लगातार मांग की जा रही है. अभी भी मैं लगातार मांग कर रहा हूँ और अगर इनके द्वारा कार्रवाई नही की गई तो मैं फिर से माननीय उच्च न्यालय में भी एक रीट पिटिशन लगाने की तैयारी कर रहा हूँ. जिससे की आम उपभोक्ता जो परेशान हैं. जिनके केश में डिसीजन हो चुका है. जिनको चेक लेना है वो भी नही कर पा रहे हैं. जिसमे नोटिस जारी करना है वो भी नही हो रहा है. मतलब कोई भी काम कंज्यूमर कोर्ट में नही हो रहा है. इसको लेकर मैं आंदोलन रत हूँ और आगे भी आंदोलन करता रहूंगा. मैं उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष के सदस्यों की नियुक्ति कराकर ही दम लूंगा."