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अंबिकापुर: शादी के सीजन में बारात घरों में लगे ताले, लाखों के राजस्व का नुकसान - wedding hall

अंबिकापुर में बारात घर बंद होने से जहां लोगों को शादी कराने में दिक्कत हो रही है, वहीं नगर निगम को भी लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

marriges getting home due to closure of wedding hall
बारात घर बंद होने से घरों में हो रही शादियां

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Published : Jun 23, 2020, 7:30 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान बंद हुए बारात घरों को अब तक नहीं खोला जा सका है. जिससे नगर निगम को राजस्व की हानि तो हो ही रही है, साथ ही इस समय शादी करने वालों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि उन्हें अपने घरों और उसके आस-पास ही पंडाल लगाकर शादी की रस्म, बारातियों को खाने और रहने की व्यवस्था करनी पड़ रही है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न के बराबर संभव हो पा रहा है.

बारात घरों में लगे ताले

50 लोगों के साथ शादी की अनुमति

कोरोना के इस दौर में सरकार ने 50 लोगों के साथ शादी की अनुमति दी है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर की भी अनिवार्यता लागू की गई है. वहीं दूसरी तरफ बारात घरों को खोलने की अनुमति सरकार ने नहीं दी है, जिससे पहले से ही नुकसान झेल रहे नगर निगम को राजस्व भी नहीं मिल पा रहा है.

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बारात घर बंद, निगम को लाखों का नुकसान

कोरोना काल में वैसे भी लगभग शादियां कैंसिल हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोग शादी करना चाह रहे हैं, लेकिन सरकार की बंदिश की वजह से इन लोगों को शादी समारोह के लिए सरकारी बारात घर नहीं मिल पा रहे हैं. शासन की मनाही की वजह से नगर निगम चाहकर भी अपने सामुदायिक भवनों को किराए पर नहीं दे पा रहा है. इससे उन्हें लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है. पहले से ही शासन में अनुदान के दम पर चलने वाले अंबिकापुर नगर निगम ने शहर में कई सामुदायिक भवन बनाए हैं, जिनमें सरगुजा सदन, राजमोहिनी देवी भवन समेत अन्य सामुदायिक भवन शामिल हैं. इन्हें लोगों को विवाह के लिए शुल्क के साथ उपलब्ध कराया जाता था. इससे नगर निगम को आय होती थी, जो फिलहाल बंद है.

बारात घर बंद होने से घरों में हो रही शादियां

घरों में ही हो रही शादियां

इधर बड़े सामुदायिक भवन शादी के लिए उपलब्ध ना होने पर लोग अपने घरों में ही शादी कर रहे हैं. घरों के बाहर ही टेंट लगाकर रस्में पूरी की जा रही हैं. जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा पाना संभव नहीं है. बावजूद इसके सामुदायिक भवन किराए पर नहीं दिए जा रहे हैं. इससे ना सिर्फ नगर निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं हो पा रही है.

बारात घरों में लगे ताले

शासन से अनुमति का इंतजार

नगर निगम के मेयर अजय तिर्की भी मान रहे हैं कि राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है, लेकिन वो भी शासन के आदेश के आगे विवश हैं. लिहाजा जब तक शासन सामुदायिक भवनों को किराए पर देने की अनुमति नहीं देता, तब तक सामुदायिक भवनों को बंद रखने की बात कह रहे हैं.

बारात घरों में लगे ताले

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Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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