सरगुजा:भीषण गर्मी में जिले के कई इलाकों में पानी की भारी किल्लत हो गई है. सरकार की नल-जल योजना पूरी तरह से ठप है. हैंड़पंप खराब हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. नदी, नाला, कुआं, तालाब सभी सूखने के कगार पर हैं. पीएचई की ओर से लाखों रुपए खर्च करके नल-जल योजना तो चलाई गई, लेकिन लोगों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है.
सरगुजा : सरकार की नल-जल योजना ठप, 5 किलोमीटर दूर से पानी ला रहे ग्रामीण
सरकार की नल-जल योजना पूरी तरह से ठप है. हैंड़पंप खराब हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को पीने के लिए 5 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है. लोगों ने कई बार हैंड़पंप सुधरवाने के लिए पीएचई विभाग से अपील की.
5 किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है पानी
लोगों को पीने के लिए 5 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है. लोगों ने कई बार हैंड़पंप सुधरवाने के लिए पीएचई विभाग से अपील की, लेकिन विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंगा विभाग ने आज तक किसी कर्मचारी को हैंड़पंप सुधारने नहीं भेजा है. शासन की ओर से पीएचई को जल संकट दूर करने को लेकर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की उदासीनता की वजह से लोग पानी की समस्या से परेशान हैं.
जल की भीषण समस्या
सीतापुर ब्लॉक और मैनपाट ब्लॉक अंतर्गत आने वाले कई गांव के ग्रामीण आज भी जल की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं. यहां के कई गांवों में पेयजल का संकट है, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ग्रामीणों की समस्या को लेकर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है. मैनपाट ब्लॉक के उड़ूमकेला पंचायत के ग्रामीण आज भी ढोढ़ी के पानी पीने को मजबूर हैं.