सरगुजा : छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी लेमरू हाथी कॉरिडोर परियोजना का उदयपुर और लखनपुर विकासखंड में विरोध शुरू हो गया है. बता दें कि जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, उसी समय हाथियों के रिजर्व एरिया के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लेमरू हाथी परियोजना की घोषणा की थी. उस समय भी लोगों ने सभाएं आयोजित कर इस परियोजना का विरोध किया था. इसी बीच कोरोना के कारण यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई, लेकिन 2 अक्टूबर को ग्राम सभा के आयोजन की सूचना आई और सचिवों को आवश्यक रूप से ग्राम सभा आयोजित करने का आदेश मिला.
वहीं वन विभाग को आदेशित किया गया कि वे ग्राम सभा में जाकर लेमरू हाथी परियोजना की जानकारी लोगों को दें और समझाएं कि लोगों को विस्थापित नहीं किया जाएगा. सिर्फ हाथी के लिए गांव की सीमा में घेराव किया जाएगा. जैसे ही वन विभाग के कर्मचारियों ने गांव में जाकर बताना शुरू किया तो लोग आक्रोशित हो गए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही सरकार चाहती है, तो वे ग्राम सभा में सहमति का प्रस्ताव किसी भी हाल में नहीं देंगे. इसके लिए चाहे उनकी जान ही क्यों न चली जाए. लोगों ने यह भी कहा है कि अगर सरपंच और सचिव उनकी मर्जी के खिलाफ शासन के दबाव में आकर सहमति देते हैं, तो उन्हें इस गलती का दंड भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए.
इन गांवों में किया गया ग्राम सभा का आयोजन
लेमरू प्रोजेक्ट के लिए ग्राम सभा का आयोजन मतरिंगा, सितकालो, बुले, भकुरमा, पनगोती, बडे़ गांव, मरेया, कुडेली, बकोई, पेंण्डरखी, ,खूझी, सायर कुमडेवा, जिवालिया बिनिया, अरगोती, ढोढा केसरा और पटकुरा जैसे बहुत से सीमावर्ती और पहाड़ी इलाकों में किया गया था. सभी ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों का कहना है कि वे किसी भी हाल में अपने क्षेत्र में इस परियोजना को लागू नहीं होने देंगे और इसके लिए वे आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे.