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सरगुजा में ग्रामीणों और सीएमडीसी विवाद में हुआ समझौता - surguja news

सरगुजा के मैनपाट में पिछले कुछ दिनों से सीएमडीसी (Chhattisgarh mineral development corporation) और पथरई के ग्रामीणों के बीच मशीनों से खनन किए जाने सहित अन्य समस्याओं को लेकर विवाद चल रहा था. जिसे जिला प्रशासन (District administration) की मध्यस्थता में हुई बैठक में सुलझा लिया गया है.

Villagers and CMDC dispute reached agreement in Surguja
सरगुजा में ग्रामीणों और सीएमडीसी विवाद में हुआ समझौता

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Published : Jun 6, 2021, 10:21 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: मैनपाट में सीएमडीसी (Chhattisgarh mineral development corporation) और पथरई के ग्रामीणों के बीच चल रहे विवाद की सुलह हो गई है. जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुई बैठक के दौरान कंपनी और ठेकेदार ने ग्रामीणों की सभी शर्तों को मान लिया है. कंपनी ने मशीनों से उत्खनन पर रोक लगाकर स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की मांग को स्वीकृती दे दी है, साथ ही कंपनी ने बॉक्साइट निकालने के लिए ब्लास्टिंग भी नियमानुसार तरीके से करने का आश्वासन दिया है. जिससे सीएमडीसी और ग्रामीणों के बीच का विवाद सुलझ गया है.

खाद्यमंत्री के काफिले को रोककर किया घेराव

मैनपाट में शुक्रवार को ग्राम पथरई के ग्रामीणों ने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर निकले प्रदेश के खाद्यमंत्री अमरजीत भगत के काफिले को रोक लिया था. ग्रामीणों ने उनका घेराव करते हुए सीएमडीसी के बॉक्साइट खदान में नियम विरुद्ध तरीके से की जा रही ब्लास्टिंग, स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं दिए जाने सहित अन्य मामलों को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी.

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खाद्य मंत्री ने कलेक्टर को दिए निर्देश

खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने कलेक्टर संजीव कुमार झा को मामले में तत्काल संज्ञान लेने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद तहसीलदार और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और शनिवार को सीएमडीसी और ग्रामीणों के बीच समझौता बैठक कराए जाने का निर्णय लिया गया था. जिसके बाद तहसीलदार शशिकांत दुबे, सीएमडीसी के अधिकारी और ठेकेदार के साथ जनपद सदस्य दूधनाथ यादव और ग्रामीणों की बैठक कराई गई.

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बैठक में हुई सुलह

बैठक के दौरान ठेकेदार ने कंपनी के सामने अपनी समस्याओं को रखा. जिसके बाद बैठक काफी लंबी चली. जिसमें कंपनी ने मशीनों से काम बंद कर स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है, साथ ही कंपनी ने ब्लास्टिंग के दौरान कम मात्रा में बारूद का उपयोग करने पर भी अपनी सहमति जताई है. ग्रामीणों की यह भी मांग थी कि फिलहाल निस्तार की भूमि और खदान से सटे कब्रिस्तान में खुदाई न की जाए, इसे भी कंपनी ने मान लिया है. इसके साथ ही कंपनी ने खुदाई के दौरान मजदूरों और कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने, माइनिंग एरिया में फर्स्ट एड किट रखने का वादा किया है. कंपनी ने ये भी कहा कि ब्लास्टिंग से अब तक हुए मकानों के नुकसान का तकनिकी टीम से जांच कराया जाएगा और जांच में ब्लास्टिंग से नुकसान की पुष्टि होने पर मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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