अंबिकापुर: सीतापुर विधानसभा सीट पर इस बार सबसे ज्यादा जो चुनावी मुद्दा गर्माया हुआ है वो है कुदरगढ़ी अल्युमिनियम रिफाइनरी प्लांट का. मतदान की तारीख जैसे जैसे करीब आती जा रही है वैसे-वैसे कांग्रेस और बीजेपी प्लांट को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. कांग्रेस ने जहां बीजेपी को प्लांट लगाने का हिमायती करार दिया है वहीं बीजेपी ने भी साफ कर दिया है कि जो गांव वाले चाहेंगे वहीं फैसला सही होगा. प्लांट किसी भी कीमत पर गांव के करीब नहीं लगेगा.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Nov 10, 2023, 10:43 PM IST
सीतापुर में एल्युमीनियम प्लांट लगाने के खिलाफ ग्रामीण, किसानों ने प्लांट का विरोध करने वालों को वोट देने का किया ऐलान
सीतापुर के चिरंगा में कुदरगढ़ी अल्युमिनियम रिफाइनरी प्लांट लगाए जाने का सालों से दस गांवों के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में इस बार प्लांट का मुद्दा तेजी से गर्माता जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा है कि जो भी सियासी पार्टी प्लांट का विरोध करेगी, उनका वोट उसी को मिलेगा. अब दोनों ही सियासी पार्टियां इस मुद्दे पर खुद को जनता का हिमायती बता रही हैं और दावा कर रही हैं कि वो चिरंगा में प्लांट नहीं लगने देंगे. Chhattisgarh Assembly Election 2023
प्लांट पर पंगा: सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के चिरंगा गांव में कुदरगढ़ी एल्युमिनियम रिफायनरी प्लांट लंबे से लगाने की कोशिश चल रही है पर दस से ज्यादा गांव के लोग प्लांट लगाने का विरोध सालों से कर रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि, प्लांट लगा तो पानी और पर्यावरण दोनों खराब हो जाएगा. जो भी पार्टी प्लांट का विरोध करेगा ग्रामीण उसी पार्टी को वोट देंगे. जनता की मांग पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता खुद को उनका अब हितैषी बताने लगे हैं. दोनों ही दलों का कहना है कि जब जनता नहीं चाहती है कि प्लांट चिरंगा में लगे तो वो किसी भी कीमत पर प्लांट को यहां नहीं लगने देंगे. क्षेत्र से विधायक और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने तो यहां तक कह दिया कि जब तक वो जिंदा हैं तब तक प्लांट यहां नहीं लगेगा. जवाब में बीजेपी प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो ने कहा कि वो जनता के फैसले के साथ हैं. जनता जो फैसला करेगी वही उनका भी निर्णय होगा.
सीतापुर में सियासी संग्राम तेज : सीतापुर में कुदरगढ़ी अल्युमिनियम रिफाइनरी प्लांट को लेकर जिस तरह से कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग चल रही है, उसका नतीजा चाहे जो भी निकले पर इतना तो जरूर है कि प्लांट लगाने का मुद्दा इस बार चुनाव में जरूर हावी रहेगा. जनता किसके दावों और वादों पर भरोसा करती है ये तो नतीजों के रुप में ही सामने आएगा.