UP Police In Ambikapur: यूपी क्राइम ब्रांच का बताकर घर में घुसे लोग, आईडी मांगी तो करने लगे मारपीट
UP Police In Ambikapur अंबिकापुर के बिलासपुर चौक में कुछ लोग पहुंचे. खुद को यूपी पुलिस का जवान बताते हुए धौंस जमाने लगे. लोगों ने जब इसका विरोध किया तो लोगों से मारपीट की और उठा ले जाने की धमकी देने लगे. जब मामले का खुलासा हुआ तो सभी हैरान रह गए.
सरगुजा:शुक्रवार रात शहर के बिलासपुर चौक दर्रीपारा के पास रहने वाले व्यवसायी विनय साहू के घर कुछ लोग पहुंचे. सभी एक कार में सवार थे. उन्होंने खुद को क्राइम ब्रांच से होना बताया. घर में लगे सीसीटीवी को देखने की मांग की. घर के लोगों ने उनसे आईडी दिखाने को कहा. स्थानीय लोगों के मुताबिक ये पूछते ही वो भड़क गए और धमकी देते हुए मारपीट करने लगे.
दोनों पक्षों में हाथापाई शुरू हो गई. लोगों ने ये भी आरोप लगाया कि उन्होंने व्यवसायी पुत्र को उठा लिया और अपनी गाड़ी में बिठाकर ले जाने लगे. परिजनों ने जब हंगामा शुरू किया तो पास ही मौजूद गणेश पंडाल में जमा लोगों की भीड़ पहुंच गई और कथित यूपी पुलिस को घेर लिया. इसके बाद इसकी जानकारी स्थानीय मणीपुर पुलिस को दी गई.
ये लोग बोले कि सीसीटीवी कैमरा देखना है, हम पुलिस वाले हैं. आईडी दिखाने बोले तो धमकाने लगे. घर में जबरदस्ती घुसकर सीसीटीवी फुटेज देखने लगे. बाहर आकर आयुष को गाड़ी में बैठाकर जान से मार देंगे बोलने लगे. मैंने कहा कि अंकल गाली मत दीजिए तो मुझे एक झापड़ मार दिया. हम दोनों को गाड़ी में बैठा रहे थे तो वहां कुछ लोग पहुंच गए और मारपीट शुरू हो गई. गाड़ी में नम्बर तक नहीं है. खुद को यूपी क्राइम ब्रांच का बता रहे थे.- राहुल जायसवाल, स्थानीय युवक
हम लोग के बच्चों को घर मे घुसकर मार दिया गया है. आईडी मांगे तो मुक्का से मारे हैं, ईंटा से मारे हैं. बोले कि उसको समझा देना नहीं तो मारकर फेंक देंगे. हम उन पर कार्रवाई चाहते हैं. -आशा गोयल, स्थानीय महिला
यूपी पुलिस के जवान थे तो आईडी दिखाने में झिझक क्यों: घटना की जानकारी मिलने के बाद मणिपुर पुलिस सहित एसपी सुनील शर्मा मौके पर पहुंचे. दोनों पक्षों से पूछताछ की. पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ कि सीसीटीवी देखने की मांग कर रहे लोग शरारती तत्व नहीं बल्कि यूपी पुलिस के जवान है. एसपी ने दोनों पक्षों से बात की और पूरे मामले को शांत कराया.UP Police accused of assault in Surguja
यूपी के इटावा जिले से पुलिस लूट के आरोपियों को पकड़ने यहां आई थी. जिसका मोहल्ले वालों को शक हुआ कि ये कहीं अपराधी तो नही हैं. दोनों पक्षों में कहा सुनी और धक्का मुक्की हुई. दोनों पक्षों को समझा दिया गया है. वो पुलिस कर्मी ही हैं उनकी पहचान कर ली गई है. कानून में प्रावधान है कि मुलजिम के फरार होने की संभावना पर बिना संबंधित थाने को सूचना दिए पूछताछ की जा सकती है. गिरफ्तारी के बाद स्थानीय थाने में लाना होता है.-सुनील शर्मा, एसपी सरगुजा
मामला भले ही शांत हो गया लेकिन किसी भी मामले में अगर दूसरे राज्य की पुलिस किसी अन्य राज्य में जाती है तो स्थानीय पुलिस थाने को इसकी जानकारी देनी होती है. यूपी पुलिस ने अगर इस प्रक्रिया का फॉलो किया होता तो ऐसे विवाद की स्थिति बनती ही नहीं.