सरगुजा : संभाग के 4 हजार से अधिक विशेष पिछड़ी पंडो जनजाति के लोगों ने नौ सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध जताया है. पंडो जनजाति ने सरगुजा संभाग कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर president of india के नाम ज्ञापन सौंपा. जनजाति समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेश भूषा में ही शहर में निकले और भार ढोने वाली झेलगी में अपने ज्ञापन को रखकर प्रदर्शन किया. ये लोग तूस के पतले झिल्लीदार एक कपड़े को बदन में लपेटकर जीवन बिता देते हैं. इसी वेश में कांधे पर झेलगी टांगकर जनजातीय समाज के लोगों ने अंबिकापुर की सड़कों पर निकलकर लोगों को हैरान कर दिया.Surguja latest news
कहां इकट्ठा हुए आदिवासी :सरगुजा संभाग के विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग हजारों की संख्या में PG College College Ground Ambikapur में इकट्ठा हुए. अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए कमिश्नर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे. इनकी मुख्य तौर पर मांग थी कि पंडो जनजाति के लोगों को पररिहा कर दिया गया है. जिसमे Pando Tribe और pariha caste को एक किया जाए. साथ ही पंडो जनजाति को शासन की योजनाओं का लाभ भी बेहतर तरीके से मिले.
जाति प्रमाणपत्र के सरलीकरण की मांग :जाति प्रमाण पत्र में सरलीकरण किए जाने के बाद भी इनको इसका लाभ नहीं मिलने से जनजाति के लोग परेशान हो रहे हैं. इन सभी मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द मांगों पर विचार करने की बात कही है. अगर इनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो 15 फरवरी से हर विकासखंड क्षेत्र में उग्रआंदोलन करने की चेतावनी भी दी है. Pando tribe in Surguja
Surguja latest news पंडो जनजाति के लोगों का अनोखा प्रदर्शन
सरगुजा जिले में Pando Tribe के लोगों ने अनोखा प्रदर्शन किया है. पंडो जनजाति के लोग इस बात को लेकर नाराज है कि उनकी जाति बदलकर दस्तावेजों के जरिए जमीनों को कम दाम में लूटा जा रहा Unique protest of people of Pando tribe in Surguja है. जिसका विरोध अब जनजाति समाज कर रहा है. समाज की मांग है कि आजादी के पहले से राजस्व दस्तावेजों में जनजाति को जो दर्जा मिला है उसे उसी तरह से रखा जाए ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी ना हो.Surguja latest news
ये भी पढ़ें-सरगुजा के मजदूरों को महाराष्ट्र में बनाया गया बंधक
जाति बदलकर धोखा करने का आरोप :प्रदर्शन के दौरानउदय पंडो ने कहा कि " पंडो जनजाति में अशिक्षित, अनभिज्ञ और भोले-भाले लोग होते हैं. जिसका गलत लाभ लेने के लिए भूमाफियाओं और अधिकारियों द्वारा शुरू (आजादी के पूर्व) से लेकर वर्तमान में पण्डो जनजाति के पुराने राजस्व दस्तावेजों, अधिकार अभिलेखों में (सन् 1954-55 ) जाति - पण्डो लिखा हुआ अधिकार अभिलेख रजिस्टर को बदल कर सन् 2019-20 और 2021-22 में जाति- परहिया बनाया गया है.जो वर्तमान में स्पष्ट रूप से दिख रहा है. Pando Tribe के पुराने राजस्व दस्तावेजों में पण्डो जाति काटकर सरनेम या उप जाति परहिया को अलग जाति बनाकर सामान्य जाति बोलकर इनकी जमीन लूटी जा रही है . कौड़ी के दाम में जमीन रजिस्ट्री किया गया है.''