सरगुजा: मकर संक्रांति का पर्व सरगुजा में भी धूम धाम से मनाया जा रहा है. मकर संक्रांति के अवसर पर देशभर के साथ ही सरगुजा में भी तिल के लड्डू, गुड़ और बादाम की पट्टी, के साथ तिलकुट कर विशेष डिमांड रहती है. मार्केट में इन चीजों की डिमांड भी ठीक है लेकिन तिल की मिठाइयों पर भी महंगाई का असर देखने को मिल रहा है. दुकानदार और ग्राहक बता रहे हैं कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार रेट बढ़ा है.
मार्केट में तिल की मिठाइयों का रेट: बाजार में भीड़ अधिक होने से इस बात का भी अनुमान लगाया का सकता है की मकर संक्रांति को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. अंबिकापुर शहर के गुदरी बाजार चौक में तिल गुड़ की मिठाइयों का बाजार प्रमुख रूप से सजता है. गुदरी बाजार चौक में कई परिवार हैं जो खुद तिल की मिठाइयां बनाकर बेचते हैं. गुड़ का तिलकुट 240 रुपये किलो, शक्कर का तिलकुट 220 रुपये किलो, बादाम पट्टी 90 रुपये और तिल के लड्डू 200 रुपये किलो की दर से बेचे जा रहे हैं.
गुड़ के तिलकुट की डिमांड: ETV भारत ने बाजार में पहुंचकर दुकानदार और ग्राहकों से बातचीत की. दुकानदार ने बताया की संक्रांति के अवसर पर इस बार बाजार बढ़िया है. बिक्री भी बढ़िया हो रही है, उनके पास तिल के लड्डू, गुड़ और बादाम की पट्टी आगरे का पेठा और सब्सर विशेष मिठाई तिलकुट है. तिलकुट शक्कर हर गुड़ दोनों से ही बनाई जाती है. दोनों ही तिलकुट का अपना अलग स्वाद है. इनमें गुड़ में तिलकुट की डिमांड बढ़ी हुई है. लोग स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लोग गुड़ मा तिलकुट खाना पसंद कर रहे हैं.
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अंबिकापुर में पतंग उड़ाने का सामूहिक आयोजन:मकर संक्रांति के पर्व में सरगुजा में तिल गुड़ के साथ पतंग का बाजार भी गर्म है. तमाम तरह के पतंग और मांजा का बाजार सजा हुआ है. छोटा बड़ा हर कोई पतंग खरीद रहा है. संक्रांति में पतंग उड़ाने की प्रथा को इस बार सामूहिक आयोजन के रूप में भी आयोजित किया गया है. अंबिकापुर के महामाया रोड में गुलफाम पतंग वाले की दुकान 1997 से फेमस है. पूरे शहर के लोग इनके पास पतंग लेने आते हैं. यहां 5 रूपये से लेकर 200 रुपये तक की पतंग उपलब्ध हैं. इस वर्ष कागज और प्लास्टिक के अलावा कपड़े की भी आकर्षक पतंग का चलन हुआ है.