अंबिकापुर: प्रदेश के साथ ही जिले भर में धान खरीदी शुरू होने में अभी एक दिन शेष है, और अभी से ही बिचौलिए धान खपाने के जुगाड़ में लग गए है. इसका खुलासा रविवार को राजस्व व मंडी की टीम की संयुक्त कार्रवाई से हुआ. टीम ने मुखबिर की सूचना पर अंतर्राज्यीय धान से लदा एक ट्रक जब्त किया है. जिसमें 25300 क्विंटल धान लोड है.
धान खरीदी से पहले बिचौलिए सक्रिए
खरीदी शुरू होने से पहले ही हजारों क्विंटल धान जब्त दरअसल धान खरीदी शुरू होने से पहले ही बिचौलिए सक्रिय हो गए है. उत्तर प्रदेश, झारखंड का धान लाकर सरगुजा, बलरामपुर व सूरजपुर जिले में खपा रहे है. हाल ही में बलरामपुर जिले में तीन ट्रक जब्त किया गया था और अब सरगुजा जिले में बाहरी धान जब्त किया गया है. बताया जा रहा है कि अवैध धान को खपाने से रोकने के लिए कलेक्टर संजीव झा के निर्देश पर गठित टीम को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि अंतर्राज्यीय धान छत्तीसगढ़ लाया जा रहा है और उसे किसी कोचिए के माध्यम से खपाने की योजना है.
पढ़ें: राजधानी में धान खरीदी की तैयारी पूरी, केंद्रों में पर्याप्त इंतजाम
25300 क्विंटल धान जब्त
सूचना मिलते ही राजस्व व मंडी की टीम द्वारा बनारस चौक पर चेकिंग के दौरान ट्रक क्रमांक सीजी 12 एस 3455 को रोककर उसकी तलाशी ली गई तो उसमें धान लोड था. ट्रक में 572 कट्टा लगभग 25300 क्विंटल धान लोड था. धान के संबंध में दस्तावेज मांगे जाने पर चालक कोई भी जानकारी नहीं दे सका, जिसके बाद टीम ने धान लोड ट्रक को जब्त कर मंडी समिति के सुपुर्द कर दिया गया.
पढ़ें: SPECIAL: सिर पर धान खरीदी, सॉफ्टवेयर अपडेट करने में लगे फड़ प्रभारी, नहीं कटा किसानों का टोकन
पर्ची में लिखा- 'हमारी तरफ से नमस्कार'
ड्राइवर के पास मिला संदिग्ध पत्र टीम को चालक के पास से एक पर्ची मिली है, जो सूरजपुर जिले के मेसर्स मनोकामना राइस प्रोडक्शन की है, उसपर अंबिकापुर के बीएस फूड्स को धान बेचने का लिखा हुआ है, पर्ची में ट्रक नंबर सीजी 12 एस 3455 में 572 कट्टा लगभग 25300 क्विंटल धान भेजा गया है और इसे उतरवाने की बात लिखी है, इसके साथ ही पर्ची में भेजने वाले की तरफ से नमस्कार भी लिखा गया है. अब यह नमस्कार कोई कोड है यह अब तक समझ से परे है. सबसे बड़ी बात यह है कि धान खरीदी अभी शुरू नहीं हुई है और जिलों के बॉर्डर भी सील है. सिर्फ मंडी के परमिशन से दूसरे जिले में मिलर्स धान भेज सकते है लेकिन चालक के पास मंडी की अनुमति भी नहीं थी.