सरगुजा: राजस्थान के कोटा में फंसे हुए छात्र-छात्राओं को वापस अपने घर आने की उम्मीद जगी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से घोषणा किए जाने के बाद सरगुजा संभाग में भी सभी छात्र-छात्राओं की सूची तैयार कर उन्हें वापस लाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. सरगुजा के पांच जिलों की बात की जाए, तो संभाग भर से 601 छात्र-छात्राओं की सूची बनाई गई है.
छात्रों की वापसी के लिए टीम रवाना छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए अधिकारियों की टीम को रवाना कर दिया गया है. कोटा से छात्रों को वापस लाने के बाद सुरक्षा की दृष्टि से क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा. इसके साथ ही उन्हें होम आइसोलेट करने की दिशा पर भी विचार किया जा रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन में राजस्थान कोटा में पढ़ने के लिए गए कई राज्यों के छात्र-छात्राएं फंस गए थे. इन छात्रों ने लगातार वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगाई थी.
राजस्थान में फंसे छात्रों को वापस लाने की मिली अनुमति
कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए प्रदेश सरकार से पहले भी अनुमति मांगी गई थी, लेकिन पहले अनुमति नहीं मिली थी. उत्तरप्रदेश सरकार की तरफ से बड़ी संख्या में बसों को भेजकर बच्चों को वापस बुलवाए जाने के बाद इसका रास्ता खुला. उसके बाद से ही राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार और राजस्थान की सरकार से बातचीत कर रही थी और फिर अनुमति मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
छात्र-छात्राओं की सूची बनाकर तैयारियां तेज
अनुमति मिलने के बाद जिलों में भी तैयारियां तेज कर दी गई थी. शासन के निर्देश पर पहले ही सभी जिलों में प्रशासन ने कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं की सूची बनवाई, जो अब तैयार हो चुकी है. जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक सरगुजा जिले के 182, बलरामपुर के 79, सूरजपुर के 140, कोरिया के 150 और जशपुर के 50 छात्र-छात्राएं कोटा में फंसे हुए हैं. इस तरह सभी संभाग के 601 छात्र-छात्राओं की सूची जिला प्रशासन ने तैयार कर ली है.
सरगुजा के छात्रों को वापस लाने के लिए टीम रवाना
अगर सरगुजा जिले की बात की जाए, तो कोटा राजस्थान में जिले के 182 बच्चे फंसे हुए हैं. इन बच्चों को वापस लाने के लिए कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने संयुक्त कलेक्टर प्रदीप साहू, एसडीओपी एश्वर्य चंद्राकर, नायब तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा, पटवारी नीरज और वाहन चालक विनय राजवाड़े की ड्यूटी लगाई है. ये अधिकारी सरगुजा के बच्चों को वापस लाने जाएंगे और इनकी जिम्मेदारी होगी कि बच्चे सुरक्षित ढंग से सरगुजा लाए जाएं. शुक्रवार की देर शाम अधिकारियों की टीम रायपुर के लिए रवाना भी हो गई है और ये टीम रायपुर से बसों के साथ कोटा जाएगी और फिर अगले दो से तीन दिनों में सभी बच्चे सरगुजा पहुंच जाएंगे.
छात्रों को लाने के बाद क्वॉरेंटाइन करने की तैयारी तेज
राजस्थान के कोटा से बच्चों को सुरक्षित लाने के बाद इन्हे क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुरक्षा के लिहाज से रखा जा सकता है. सरगुजा जिले में क्वॉरेंटाइन को लेकर भी तैयारी की जा रही है और 182 बच्चों को रखने के लिए 200 सीटर कन्या परिसर के छात्रावास, गंगापुर के प्रयास और क्रीड़ा परिसर के हॉस्टल, पीजी कॉलेज के हॉस्टल सहित अन्य हॉस्टल का चिन्हांकन कर अधिकारियों को राशन, बिस्तर, बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अगर बच्चों को होम क्वॉरेंटाइन करने की भी जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए भी स्वास्थ्य अमले को तैयारी रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके साथ ही सूरजपुर और बलरामपुर जिले में भी प्रशासन जरूरत के अनुसार छात्र-छात्राओं को क्वॉरेंटाइन करने की योजना बना रहा है.
कोटा में फंसे अलग-अलग जिले के छात्र-छात्राओं की संख्या
सरगुजा- 182
बलरामपुर- 79
सूरजपुर- 140
कोरिया- 150
जशपुर- 50