सरगुजा :रूस व यूक्रेन के बीच जारी युद्ध दौरान शनिवार को सरगुजा अंचल के दो मेडिकल स्टूडेंट्स सही सलामत घर लौट आए हैं. जबकि एक छात्र रविकांत मैत्री की तबियत खराब होने के कारण उसे रायपुर में ही रुकना पड़ा. अपने बेटों की घर वापसी के बाद उनके परिजन और क्षेत्रीय लोगों में खुशी है. वहीं यूक्रेन से लौटे शुभम गुप्ता ने जो अनुभव साझा किये, उसे सुनकर आप भी भावुक हो जाएंगे. शुभम के अम्बिकापुर पहुंचते ही ईटीवी भारत उनके घर पहुंचा और उनसे बातचीत की.
युद्ध शुरू होते दहशत में आ गए थे भारतीय छात्र
यूक्रेन के वीएनएमयू में एमबीबीएस सेकेंड इयर की पढ़ाई कर रहे शुभम गुप्ता ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के साथ ही वहां भारतीय छात्र दहशत में आ गए थे. किसी तरह अपने साथी छात्रो के साथ उन्होंने बस बुक कर वहां से निकलने का निर्णय लिया. फिर बस संचालक ने भी उन्हें यूक्रेन की सीमा से पांच किलोमीटर पहले ही उतार दिया. फिर वे अपने साथी छात्रों के साथ पैदल ही 28 फरवरी को यूक्रेन बॉर्डर पहुंचे. यहां ढाई दिन तक कड़ाके की ठंड के बीच रुकना पड़ा.
फिर सभी ने अगले दिन किसी तरह रोमानिया बॉर्डर में प्रवेश किया. रोमानिया पहुंचने के बाद उन्हें सेफ हाउस में रखा गया था. वहां उनके रहने-खाने की व्यवस्था रोमानिया सरकार के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने की थी. फिर रोमानिया से 3 मार्च को फ्लाइट से वे लोग दिल्ली पहुंचे. यहां वे लोग दिल्ली में छत्तीसगढ़ भवन में रहे फिर छत्तीसगढ़ सरकार की मदद से रायपुर और बाद में घर पहुंचे.