सरगुजा : छत्तीसगढ़ में पिछले साल जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण कुंज योजना की शुरुआत की गई थी.इस योजना के तहत नगरीय निकाय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ाने के लिए फलदार और ऑक्सीजन देने वाले पौधे रोपे गए थे.सरगुजा जिले में भी शासन की योजना के अनुसार कृष्ण कुंज बनाया गया है. लेकिन इस योजना के ठीक एक साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज सूना है. कृष्ण कुंज के गेट पर ताला लगा है. कोई भी व्यक्ति कृष्ण कुंज के अंदर मौजूद नहीं है.
कहां-कहां बनाया गया था कृष्ण कुंज :सरगुजाजिले के नगरीय निकाय अम्बिकापुर, लखनपुर और सीतापुर में कृष्ण कुंज का निर्माण वन विभाग ने करवाया था. बिशुनपुर क्षेत्र में जिला प्रशासन ने एक एकड़ भूमि कृष्ण कुंज के लिए उपलब्ध कराई थी. जहां कृष्ण कुंज के चारों ओर चेन लिंक फेंसिंग की गई है. बड़ा प्रवेश द्वार बनाया गया है. कृष्ण कुंज के अंदर भगवान कृष्ण की प्रतिमा भी स्थापित की गई है. लेकिन जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण कुंज में रौनक की जगह सूनापन नजर आया.
बिशुनपुर कृष्णकुंज में क्या हैं इंतजाम ? :कृष्ण कुंज में पेड़-पौधों लगाने के अलावा इसे उद्यान के रुप में तैयार करना था.जिसमें बच्चों के खेलने की जगह के साथ झूले और स्लाइ़डर्स लगने थे.लेकिन एक साल बाद भी यहां पर झूले नहीं लगे हैं. जालीदार बाउंड्रीवाल, एक बड़ा द्वार और अंदर की जगह में कुछ पौधों का प्लांटेशन ही किया गया है. हैरानी की बात ये है कि इस जगह तक पहुंचने के लिए अब तक विभाग एक अदद अच्छी सड़क भी नहीं बनवा पाया है. पूरे प्रदेश में दो दिनों तक जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है.लेकिन कृष्ण कुंज में विरानी छाई है.
Krishnakunj Deserted In Janmashtami : सरगुजा में जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण कुंज में छाई रही वीरानी, ईटीवी भारत ने की पड़ताल - नगरीय निकाय अम्बिकापुर
Krishnakunj Deserted In Janmashtami छत्तीसगढ़ सरकार ने जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण कुंज योजना शुरु की थी. लेकिन एक साल बाद प्रदेश के कई जगहों पर बनाए गए कृष्ण कुंज में किसी भी तरह की रौनक नहीं दिखाई दी. जन्माष्टमी के मौके पर सरगुजा के बिशुनपुर कृष्ण कुंज में ताला लटका मिला.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Sep 6, 2023, 7:52 PM IST
क्या है कृष्णकुंज योजना ? : छत्तीसगढ़ शासन ने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए कृष्ण कुंज विकसित करने की पहल की है. इस योजना के तहत पर्यावरण को सहेजने, पेड़ों को बचाने और आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण और पेड़ों के महत्व के प्रति जागरुक किया जा रहा है. प्रदेश के 170 नगरीय निकायों में पर्यावरण के उद्देश्य से कृष्ण कुंज स्थापित किए जा रहे हैं. कृष्ण कुंज नगरीय क्षेत्रों में स्थापित किए जा रहे हैं. जहां बरगद ,पीपल,कदम,आम,इमली ,बेर ,जामुन ,गंगा बेर, शहतूत ,चिरौंजी, नीम, गूलर,पलाश ,अमरुद ,सीताफल, बेल जैसे अनेक पेड़ रोपने की कार्य योजना है.