अंबिकापुर: स्वच्छ भारत मिशन में अंबिकापुर नगर निगम का नाम छत्तीसगढ़ से हमेशा टॉप पर रहा है. शहर को साफ सुथरा रख चमकाने वाले निगम में अंधेरा छाया हुआ है. बिजली चले जाने के बाद सभापति और जनप्रतिनिधियों को मोबाइल टॉर्च की रोशनी में काम करना पड़ता है. इस वजह से कई लोगों के काम प्रभावित होते हैं.
नगर निगम के ऑफिस में अंधेरा क्यों:नगर निगम का प्रशासनिक भवन नहीं बन पाया है. पिछले कई सालों से पानी टंकी के नीचे ही दो फ्लोर में निगम का ऑफिस है. फर्स्ट फ्लोर में सभी अधिकारियों का चेम्बर है. ग्राउंड फ्लोर में मेयर, सभापति, पार्षद और एमआईसी सदस्य और कर्मचारी कर्मचारी बैठते हैं. पिछले कई महीनों से ग्राउंड फ्लोर के इन्वर्टर की बैटरी खराब है. जब भी बिजली चली जाती है. जनप्रतिनिधियों को अंधेरे में ही मोबाइल की रोशनी के सहारे काम चलाना पड़ता है. जनप्रतिनिधि इसके लिए सीधे सीधे निगम अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.
कुछ विभागों के अधिकारियों की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है. ग्राउंड फ्लोर के इनवर्टर की बैटरी कई महीनों से खराब है. कई बार ध्यान दिलाया गया है लेकिन वो बदला नहीं गया है. अधिकारियों के बैठने की जगह पर सारी व्यवस्था चकाचक है. लाइट पता कर लेते हैं यदि लाइट है तो आते हैं नहीं तो काम प्रभावित होता है. सभापति तो अधिकारियों से बोल ही सकता है वो बंदूक तो उठायेगा नहीं-अजय अग्रवाल, सभापति, नगर निगम
ग्राउंड फ्लोर में कौन कौन से विभाग:जिस फ्लोर में जनप्रतिनिधि बैठते हैं वहां कई विभागों के ऑफिस हैं. जन्म मृत्यु, विवाह पंजीयन, जलकर, राजस्व विभाग, दुकान किराया, भवन किराया, मकान किराया, कई ऑनलाइन काम ग्राउंड फ्लोर में ही होते हैं. अक्सर बिजली ना होने पर इन विभागों के काम प्रभावित होते हैं. जिससे आने वाले लोगों को भी परेशानी होती है. कई बार जरूरी कामों को मोबाइल की रोशनी में ही पूरा करना पड़ता है.