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तंबाकू मुक्त जिले की ओर बढ़ता सरगुजा, सच हो रहा राजमोहिनी देवी का सपना

सरगुजा को धूम्रपान और तंबाकू मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की मुहिम रंग ला रही है. केंद्र से सर्वेक्षण करने आई टीम ने सरगुजा में तंबाकू की जागरूकता को लेकर सार्वजनिक स्थान में धुम्रपान का न होना पाया. साथ ही 96% स्थान में यह अनुपालन हुआ है.

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तंबाकू मुक्त जिले की ओर बढ़ता सरगुजा

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Published : Aug 15, 2021, 6:57 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: जिले को धूम्रपान और तंबाकू मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की मुहिम रंग ला रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 1 अप्रैल से इस मुहिम को शरू किया था. जिसके बाद से लगातार शहर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

माता राजमोहनी देवी का सपना

मुहिम की शुरूआत में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले नशा मुक्ति के लिए आदर्श माता राजमोहिनी देवी के घर पहुंची. वहां टीम ने राजमोहिनी देवी के बेटी रामबाई से मुलाकात की और तंबाकू मुक्त सरगुजा अभियान को सफल बनाने के लिए माता राजमोहिनी देवी के विचारों को जाना.

आपको बता दें कि ईटीवी भारत द्वारा माता राजमोहनी देवी के जीवन की विशेषताओं की खबर प्रकाशित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अभियान को माता राजमोहनी से जोड़ा था. जिसके बाद मुहिम शुरू हुई और केंद्र के एक सर्वे में सरगुजा जिला इस मामले में बेहद अच्छी स्थिति में रहा. कोटपा एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप सरगुजा जिले को 96 प्रतिशत अंक मिले हैं. जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि वक्त में सरगुजा को प्रदेश का पहला धूम्रपान मुक्त जिला घोषित कर दिया जाएगा.

ETV भारत की खबर का असर, माता राजमोहिनी देवी को समर्पित हुआ तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम

सरगुजा में शुरू की गई तंबाकू नियंत्रण को लेकर मुहिम पर नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने कहा, 'जिले में यह अभियान लोगों को तंबाकू से होने से दुष्प्रभाव के बारे में जानकारियां देने के लिए चलाया गया है. यह कार्यक्रम लंबे समय से चलाया जा रहा है. जिसका परिणाम ये हुआ कि अभी तंबाकू को लेकर जिले के लोगों के एक मजबूत संदेश गया है और उन्होंने महसूस किया है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.' उन्होंने कहा कि तंबाकू और धूम्रपान का उपयोग सार्वजनिक स्थान में करने से धूम्रपान करने वाले के आस पास के लोगों को भी नुकसान होता है. जिले के सभी लोग इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं और उसका परिणाम यह हुआ कि केंद्र से सर्वेक्षण करने आई टीम ने सरगुजा में तंबाकू की जागरूकता को लेकर सार्वजनिक स्थान में धुम्रपान का न होना पाया. साथ ही 96% स्थान में यह अनुपालन हुआ है.

जिले में इस अभियान के तहत सख्ती बरती गई और सरगुजा जिले में कोटपा एक्ट 2003 के तहत सार्वजनिक स्थान में धूम्रपान करने वालों पर 200 नहीं बल्कि 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाने लगा. यह जुर्माना 200 रुपए कोटपा एक्ट और 800 रुपए रेड क्रॉस सोसायटी सरगुजा के द्वारा लगाया गया. सोसायटी के अध्यक्ष और जिले के कलेक्टर ने इस जुर्माने के लिए आदेश जारी किया था.

कौन थी माता राजमोहिनी देवी ?

सरगुजा की राजमोहिनी देवी ने 1953 में सरगुजा से नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत की थी. यह अभियान अविभाजित मध्यप्रदेश, झारखड और यूपी में भी सराहा गया. राजमोहिनी देवी के इस काम के लिए उन्हें 1986 में इन्दिरा गांधी पुरस्कार दिया गया. 1989 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था, लेकिन उनके निधन के बाद नशा मुक्ति का अभियान शांत पड़ चुका था. अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ETV भारत ने राजमोहिनी देवी के संघर्ष की कहानी प्रकाशित की थी और यह भी बताया था कि एक महान महिला समाज सेविका का अभियान उनके निधन के बाद शांत पड़ चुका है. ETV भारत की खबर का असर प्रशासन के अभियान पर पड़ा और यह अभियान माता राजमोहिनी देवी को समर्पित किया गया. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी माता राजमोहनी देवी के घर पहुंचे और वर्षों पुरानी बंद हो चुके एक सामाजिक अभियान को प्रशासन ने दोबारा शरू कर दिया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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