छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

परिवहन के नए नियमों से नाखुश बस-ट्रक मालिक, नुकसान के बारे में सोचकर उड़ी नीद - भारी वाहनों का मेनटेनेंस

अंबिकापुरः परिवहन के नए नियमों ने बस और ट्रक मालिकों की नींद हराम कर दी है. नए नियमों के तहत परिवहन विभाग द्वारा बस और ट्रक का परमिट, फिटनेस 15 साल के बाद नहीं किया जाना है, जिससे वाहन मालिक खुश नहीं नजर आ रहे हैं.

सरगुजा बस चालकों का नए ट्रांसपोर्ट नियमों पर रिएक्शन

By

Published : Feb 25, 2019, 11:04 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

15 साल बाद बस चाहे जिस भी कंडीशन में हो वो अपने रजिस्ट्रेशन के 15 साल बाद महज कबाड़ में बेचने लायक होगी. सरकार ने यह नियम कबाड़ वाहनों से होने वाले पर्यावरण को नुकसान और सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर बनाया है, जिसने बस और ट्रक मालिकों की तकलीफों को बढ़ा दिया है.

VIDEO: सरगुजा बस चालकों का नए ट्रांसपोर्ट नियमों पर रिएक्शन


क्या कहते हैं बस मालिक
बस मालिकों का कहना है कि अगर हम अपनी बस में हर 5 साल में पूरा समान नया लगवा देते हैं तो वो बस फिट होती हैं, लेकिन इस नियम के बाद बस मालिकों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा. कबाड़ बसों का परमिट या फिटनेस न किया जाना उचित है पर फिट और अच्छी बसें भी कबाड़ की श्रेणी में आएंगी.


परिवहन अधिकारी बताते हैं कि ये नियम आया था, जिसके बाद बस ट्रक एसोसिएशन के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्टे ले लिया है. स्टे भी इस बात का है कि 15 साल के बाद फिट वाहनों को फिटनेस देना है, पर 15 साल बाद बस को परमिट अभी भी नहीं दिया जा रहा है, लिहाजा बिना परमिट की बस रख सकते हैं.


बस मालिक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे
बहरहाल सरकार का फरमान और सुप्रीम कोर्ट का स्टे इस समस्या का समाधान नहीं है, क्योंकि कोर्ट के स्टे के बाद फिटनेस मिलेगा पर परमिट नहीं और बिना परमिट के बसें चलाई नहीं जा सकतीं, लिहाजा बस मालिक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details