छत्तीसगढ़

chhattisgarh

दिवाली में पटाखों की आवाज न बना दें बहरा, ऐसे रहें सावधान

By

Published : Oct 23, 2022, 3:31 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

sound of firecrackers in Diwali दिवाली में पटाखों की आवाज इंसानों को बहरा बना सकती है. इसके लिए दीपावली में पटाखों की ध्वनि की तीव्रता और उससे सतर्कता पर हमने डक्टरों से बात की है. उन्होंने पटाखों की ध्वनि से नुकसान के लक्षण और उपाय बताए हैं.firecrackers in Diwali threatens deafness

occupational and safe health administrator
दिवाली में पटाखों की आवाज न बना दें बहरा

सरगुजा: दीपावली में पटाखों की ध्वनि की तीव्रता और उससे सतर्कता पर हमने डक्टरों से बात की है. नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया है कि पटाखों को लेकर सावधानी बरतें, कहीं ऐसा ना हो कि रोशनी का त्योहार आपके श्रवण क्षमता में हमेशा के लिए अंधकार पैदा कर दे.

यह भी पढ़ें:diwali 2022 दिवाली का शुभ मुहूर्त, लक्ष्मी पूजन की विधि और महत्व

किस तरह की आवाज वाले पटाखे खतरनाक:ध्वनि की तीव्रता की माप डेसिबल से की जाती है. आमतौर पर 50 से लेकर 75 डेसीबल तक की ध्वनि क्षमता कानों में हानिकारक प्रभाव उत्पन्न नहीं करता. सामान्य बातचीत 50 डेसीबल तीव्रता की और 75 डेसिबल की तीव्रता कुत्तों के भौंकने में पाई गई है. पटाखों को फोड़ने से उत्पन्न ध्वनि 125 डेसीबल से लेकर 200 डेसीबल तक हो सकती है.ओसा (occupational and safe health administrator ) और पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम अधिनियम के तहत 85 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि का उपयोग 4 घंटे तक करने और 100 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि एक घंटा तक उपयोग करने से कान की सुनने की क्षमता स्थाई रूप से कम हो जाती है. 135 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि का उपयोग होने से तत्काल में सुनने की क्षमता समाप्त हो सकती है. इसमें सुनने की नस काम करना बंद कर देती है अर्थात नस लकवाग्रस्त हो जाती है. 140 डेसिबल की तेज ध्वनि के पटाखे के पास में फटने पर कान का पर्दा फट सकता है. कान से खून आ सकता है.

पटाखों की ध्वनि से नुकसान के लक्षण

1. कान का भारी लगना

2. कान से कम सुनाई देना

3. दूसरा कान से खून का निकलना

4. लगातार कान में घंटी की आवाज आते रहना

दिवाली में पटाखों की आवाज से बचने के उपाय

1.ज्यादा ध्वनि वाले पटाखों को पास से ना फोड़े.

2.ज्यादा तेज धमाके वाले पटाखों का उपयोग ना करें.

3. बुजुर्गो को कान से संबंधित बीमारी वाले कान में रुवा या ईयर 4. प्लग का उपयोग कर ध्वनि प्रदुषण से बचे.

4. पटाखों के ध्वनि प्रदुषण के बाद उत्पन्न लक्षण को नजर अंदाज ना करें. शासकीय चिकित्सालय के नाक कान गला विभाग में ऑडियोमेट्री टेस्ट और जांच कराए.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details