सरगुजा: अंबिकापुर के राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज के लिये आज ऐतिहासिक दिन है. मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई के लिए एनएमसी को दिए गए आवेदन में बचे हुये 9 विषयों के लिए भी आज एलओपी जारी कर दिया गया है. कॉलेज द्वारा किए गए आवेदन के बाद सभी 15 विषयों में 46 सीटों के लिए एलओपी दे दी गई है.
रायपुर के बाद पहला मेडिकल कॉलेज: एलओपी मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज में पीजी की क्लासेस शुरु हो सकेगी. इसके साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में शोध कार्य किए जाएंगे. बड़ी बात यह है कि पीजी की पढ़ाई कराने के मामले में राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज प्रदेश का दूसरा कॉलेज बन गया है. अब तक सिर्फ रायपुर के कॉलेज में ही पीजी की पढ़ाई सुविधा उपलब्ध थी.
एमडी की 35 व एमएस की 13 सीट:एलओपी मिलने के बाद अब कॉलेज प्रबंधन द्वारा एमसीसी से सीट फ्रीजिंग, विवि से संबंद्धता व शासन से अंडरटेकिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने पीजी की पढ़ाई के लिए एनएमसी से मान्यता के लिये आवेदन किया गया था. कॉलेज प्रबंधन द्वारा स्नातकोत्तर के 15 विषयों में एमडी की 35 व एमएस की 13 सीटों की मान्यता मांगी गई थी. आवेदन के बाद एनएमसी की टीम समय समय पर आकर कॉलेज में उपलब्ध संसाधनों, फैकल्टी का जायजा ले रही थी.
सरगुजा मेडिकल कॉलेज को सभी 15 विषयों में पीजी की मिली मान्यता
सरगुजा के राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज को सभी 15 विषयों में पीजी की मान्यता मिल गई है.रायपुर के बाद प्रदेश का दूसरा कॉलेज, जहां पीजी की पढ़ाई होगी.
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पहले 6 और अब सभी 15 पर एलओपी:एक एक कर एनएमसी के निरीक्षण के बाद अंततः एनएमसी से सभी 15 विषयों के लिए निरीक्षण पूरा कर लिया था. निरीक्षण के बाद एनएमसी ने 6 विषयों के लिए अपनी ओर से एलओपी कॉलेज को दे दिया था. 15 में से 9 विषयों की एलोपी बची हुई थी. शुक्रवार की देर शाम एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज को बचे हुये 9 विषयों में भी एलओपी दे दिया है. जिसके बाद अब सरगुजा के मेडिकल कॉलेज में पीजी की कक्षाएँ शुरु की जा सकेंगी.
15 विषयों में पीजी की मान्यता: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायो केमेस्ट्री, फार्मेकोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी, कम्युनिटी मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, शिशु रोग, जनरल सर्जरी, अस्थि रोग, ईएनटी, नेत्र रोग, प्रसूति एवं स्त्री रोग, निश्चेतना विषयों पर एमडी एमएस के लिए कुल 48 सीटों हेतु आवेदन किया गया था. नेशनल मेडिकल कमीशन ने कॉलेज को सभी 15 विषयों के 46 सीटों के लिए एलओपी जारी कर दिया है. हालांकि एनएमसी ने बायो केमेस्ट्री विषय से एक व आर्थो विषय से एक सीट काटी है लेकिन बड़ी सफलता यह है कि पहली बार किसी कॉलेज ने 15 विषयों के लिए आवेदन किया और सभी 15 विषयों के लिए कॉलेज को मान्यता मिल गई है.
अब एमसीसी को लिखेंगे पत्र:मेडिकल कॉलेज को पीजी की कक्षाओं के संचालन के लिये 15 विषयों में मान्यता मिलने के बाद अब कॉलेज प्रबंधन मेडिकल कॉउंसलिंग कमेटी(एमसीसी) को पत्र लिखेगा जिससे सीट फ्रीजिंग कराई जा सके. इसके साथ ही अब कॉलेज की अंतिम समद्धता के लिए आयुष विश्वविद्यालय को पत्र लिखने के साथ ही डीएमई को कोटा निर्धारण व राज्य शासन को अंडरटेकिंग के लिए भी पत्र लिखा जाएगा.
सेंट्रल की 23 और राज्य कोटे की 23 सीट: कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि जारी की गई 46 सीटों में से 23 सीटें सेंट्रल कोटे की है, जबकि 23 सीटें राज्य कोटे के अधीन होंगी. 20 सितम्बर से मेडिकल कॉलेजों में पीजी के एडमिशन के लिये पंजीयन की शुरू हो रहे हैं और 25 से कॉलेज चयन के साथ ही 29 सितम्बर से कॉलेज में रिपोर्टिंग करना है.
पहला कालेज जिसे 15 विषयों में मिली मान्यता:मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर.मूर्ति ने बताया "आज एनएमसी से शेष 9 विषयों के लिए एलओपी मिल गई है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव व डीएमई के मार्गदर्शन में हमने यह सफलता हासिल की है. हमारा पहला कॉलेज है जिसे एक बार में 15 विषयों से पीजी की मान्यता मिली है और अब शेष प्रक्रिया शुरू कर सम्बद्धता व सीट फ्रीजिंग की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी. पीजी की पढ़ाई शुरू होने से सरगुजा अंचल को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी और शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ने के साथ ही शोध कार्य भी हो सकेंगे.