सरगुजा:RSS Chief Mohan Bhagwat Surguja visit संघ प्रमुख दो दिनों के सरगुजा दौरे पर हैं. सरगुजा पहुंचने पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का स्वयं सेवकों ने पथ संचलन से स्वागत किया. करीब 10 हजार स्वयं सेवकों ने पथ संचलन निकाला. इसके बाद पीजी कॉलेज मैदान में संघ के एकत्रीकरण कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं और लोगों को संबोधित किया. मोहन भागवत ने आज यह बताया कि संघ क्या है. उन्होंने कहा कि "संघ को बाहर से नही समझा जा सकता है. संघ को जानना है तो शाखा में आइये."
संघ प्रमुख मोहन भागवत की बड़ी बातें
"भारत के सब लोग हिंदू, हमारा डीएनए एक": संघ प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार को सरगुजा दौरे पर पहुंचे. यहां आरएसएस कार्यकर्ता और लोगों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि भारत में हर कोई हिंदू है. जो भारत को मातृभूमि मानता है. वह हिंदू है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह व्यक्ति किसी विशेष धर्म को मानने वाला है और कुछ खास कपड़े पहनता है. हम सैकड़ों वर्षों से एक हैं. भारत के सब लोग हिंदू हैं. हिंदू कोई पंथ नहीं है यह एक जीवन शैली है. हमारा डीएनए एक है.काबुल के पश्चिम से चिंदविन नदी के पूरब तक और तिब्बत के उत्तर से श्रीलंका के दक्षिण तक जो मानव समूह है. सबका डीएनए एक है.Sangh pramukh said All people of india is Hindu.सबके पूर्वज समान हैं, 40,000 वर्ष पहले से जो भारत था, काबुल के पश्चिम से छिंदविन नदी की पूर्व तक और चीन की तरफ की ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक जो मानव समूह आज है उनका DNA 40,000 वर्षों से समान है और तबसे हमारे पूर्वज समान हैं"
"किसी के पूजा के तरीके को न बदलें": मोहन भागवत ने कहा कि "हर किसी को अपनी भाषा बोलनी चाहिए. ताकि इसे और विकसित किया जा सके. किसी की पूजा के तरीके को बदलने की कोशिश न करें. धर्म में अलग अलग रास्ते हैं लेकिन वह एक ही ओर ले जाते हैं.कर्मकांड, दर्शन अलग हो सकता है, लेकिन संदेश एक ही है प्रेम से रहो, सेवा करो"
संघ प्रमुख का सरगुजा में संबोधन "संघ में शामिल होकर समझे संघ को": आरएसएस प्रमुख ने क हा कि "संघ का कोई स्वार्थ नहीं है. यह लोकप्रियता नहीं चाहता है. संघ को समझने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप संघ में शामिल हो जाइए. तब इसे आप समझ सकते हैं. इसे केवल जाना जा सकता है शाखा में शामिल होकर. संघ के सखा में जाने के लिए कोई शुल्क नहीं है.जैसे बिना चीनी खाए आप चीनी की मिठास नहीं समझ सकते वैसे बिना संघ से जुड़े आप संघ को नहीं समझ सकते. संघ का काम अगर समझना है तो तुलना कर के काम नहीं चलेगा.गलतफहमी होने की संभावना ज्यादा रहेगी." rss path sanchlan in surguja
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"संघ कोई पैरामिलिट्री ऑर्गेनाइजेशन नहीं" : संघ प्रमुख ने कहा" अब आपने देखा कि इतने सारे स्वयंसेवक पैदल चलकर आये. ऐसे कार्यक्रम होते रहते हैं. उनके पास दंड है तो लाठी गाठी वगैरह सीखते हैं. तो लोगों को लगता है संघ कोई पैरामिलिट्री ऑर्गनाइजेशन नहीं है अर्धसैनिक बल नहीं है. संघ में परेड है संघ में व्यायाम की कला है. अपनी भारतीय सभ्यता से आने वाली अपने अखाड़ों में चलने वाली जो व्यायाम की कला है शस्त्र विद्या है तो सीखते हैं हम लोग.अभी अपने गीत सुना तो संघ में गीत होता है. लेकिन संघ कोई अखिल भारतीय संगीत शाला नहीं है. अखिल भारतीय व्यायाम शाला भी नहीं है. संघ में कबड्डी खूब होती है. लेकिन संघ कोई कबड्डी क्लब नहीं है. संघ के स्वयंसेवक कितने सारे काम कर रहे हैं आज, राजनीति से लेकर कला क्रीड़ा के क्षेत्र तक संघ कब स्वयंसेवक सक्रिय हैं. पहले से जो संगठन चलते थे उसमे सक्रिय हुये. अथवा अपना संगठन बनाया ऐसा उन्होंने किया है. लेकिन संघ इनमें से किसी भी क्षेत्र से संघ के रहते नही जुड़ा है. संघ के बारे में पढ़ के लिख के अनुमान लगा के भी काम नही चलता. क्योंकि आखिर पढ़ लिखकर भी समझते तो अपनी बुद्धि से है. और अपनी अपनी बुद्धि से एक ही चीज को देखते हैं तो वो हमको अलग अलग प्रकार की लगती है. संघ को दूर से मत देखिए संघ से जुड़िए. शाखा में आकर अपने व्यक्तित्व को देश के लिए उपयोगी बनाइए. आप अपनी क्षमता, योग्यता, रुचि के अनुसार कोई काम चुनिए और अपना तन, मन, धन देकर देश को सामर्थ्य और सर्वोपरि बनाने में जुट जाइए"".