सरगुजा:छत्तीसगढ़ में कुपोषण से लड़ने के तमाम दावे किये जाते हैं. लेकिन वर्तमान में कुपोषण दूर करने की एक कड़ी बाधित हो चुकी है. दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को रेडी टू ईट फूड नहीं मिल पा रहा है. मासूम बच्चे शिकायत तो नहीं कर सकते क्योंकि इनमें इतनी समझ नहीं है. ईटीवी भारत ने मामले की पड़ताल की. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से ईटीवी भारत ने पूछा तो वो भी कुछ भी कहने को तैयार नही थे. लेकिन बातों ही बातों में वो ये जरूर बता गईं कि अप्रैल माह में उन्हें रेडी टू ईट नहीं मिला है. ऐसे में जब रेडी टू ईट फूड की सप्लाई ही बंद है तो जाहिर है कि बच्चों के प्लेट तक भी भोजन नही पहुंच रहा.
Children of Surguja not getting ready to eat food: सरगुजा के आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं मिल रहा रेडी टू ईट फूड
सरगुजा के आंगनबाड़ी में अप्रैल माह से बच्चों को रेडी टू ईट फूड नहीं मिल रहा है. मामले में कोई भी कुछ भी कहने से कतरा रहा है.
दअरसल ये मामला सरकार और कोर्ट के बीच फंसा हुआ है. छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के आंगनबाड़ियों में रेडी टू ईट का संचालन बीज निगम के माध्यम से कराने का फैसला लिया. लेकिन अब तक यह काम प्रदेश में हजारों महिला समूहों के माध्यम से किया जाता है. ये महिला समूह सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट चले गए और हाई कोर्ट ने यह कहा कि फैसला आने तक यथास्थिति बनाये रखें. उसके बाद से जिले में रेडी टू ईट के तहत फूड सप्लाई की स्थिति गंभीर नजर आ रही है.
गौर हो कि रेडी टू ईट एक इमरजेंसी सेवा है, इसे बंद नहीं रखा का सकता. इसलिए कोर्ट ने यथास्थिति रखने के निर्देश दिए. लेकिन अब सरगुजा में स्थिति ये है कि आंगनबाड़ियों में रेडी टू ईट खत्म है. अप्रैल माह में सप्लाई नहीं की गई है. ऐसे में वो मासूम बच्चे पोषक तत्व वाले भोजन से महरूम हो रहे हैं. जिनका कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से ये योजना शुरु की गई थी. इस मामले में ईटीवी भारत ने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी से भी बात करनी चाही लेकिन कई बार जाने पर भी ना वो दफ्तर में मिले और ना ही उन्होंने फोन रिसीव किया.