अंबिकापुर:समितियों में खाद के पर्याप्त भंडारण को लेकर शासन-प्रशासन लाख दावे कर रहा है. प्रशासन का कहना है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया की रेक पहुंच चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में किसानों की यह बेबसी कुछ और ही साबित कर रही है. रोज-रोज समितियों के चक्कर लगाकर थक चुके अन्नदाताओं का आक्रोश इतना भड़क उठा की उन्हें यूरिया के लिए मजबूरन आंदोलन करना पड़ा.
खाद नहीं मिलने से फसलों को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित किसानों ने अंबिकापुर शहर के रिंग रोड के पास खरसिया चौक पर चक्का जाम कर दिया. आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद मौके पर प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे थे और उन्होंने किसानों को समझाइश देकर मामला शांत कराया.
दरअसल, सरगुजा जिले के साथ ही संभाग भर में यूरिया की किल्लत विगत एक महीने से बनी हुई है. किसानों के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि रोपा लगाने के बाद किसानों को तत्काल यूरिया की जरुरत पड़ती है. यूरिया नहीं मिलने से फसलों को भारी नुकसान पहुंच सकता है. चूंकि यह किसान अपनी जमा पूंजी और कर्ज के सहारे खेती कर रहे हैं. ऐसे में यह नुकसान उन्हें भारी पड़ सकता है.
किसान प्रतिदिन यूरिया के लिए समितियों के चक्कर लगा रहे हैं और दिन-दिन भर यूरिया के लिए कतार लगाकर समितियों के बाहर खड़े रहते हैं. दिनभर खड़े रहने के बाद भी किसानों को महज एक या दो बोरी यूरिया ही मिल पाती है. जबकि सैड़कों किसानों को दिन भर कतार में लगने के बाद भी यूरिया नसीब नहीं हो रहा है. मंगलवार को भी किसानों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ.
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आंदोलन से यातायात रहा बाधित