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Campaign to save Hasdev Aranya: हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई का विरोध जारी - उदयपुर के ग्राम बासेन

सरगुजा में हसदेव अरण्य के जंगलों को बचाने के लिए आंदोलन तेज हो गया है. यहां ग्रामीण खदान क्षेत्र में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं. औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने गांव वालों का समर्थन किया है

Campaign to save Hasdev Aranya
हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई का विरोध

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Published : Jun 1, 2022, 10:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा:हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान के लिए वनों की कटाई के विरोध में आंदोलनरत ग्रामीणों को सरगुजा कांग्रेस ने समर्थन दिया है. औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक के नेतृत्व में जिला कांग्रेस और जिला जनपद पंचायत सदस्यों ने आंदोलन स्थल पर जाकर ग्रामीणों की हौसला अफजाई की है.


पेड़ों की कटाई का विरोध: पेड़ो की कटाई रोकने के लिए घनघोर जंगल में डेरा डाले ग्रामीणों ने कांग्रेस की टीम को प्रशासन द्वारा आधी रात को काटे गए वृक्षों को दिखाया. जिले भर से बड़ी संख्या में खनन प्रभावित क्षेत्र बासेन में गांव वाले पहुंचे हुए हैं. इन्होंने कांग्रेस नेताओं के सामने अपनी मांगें रखी है. धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन ग्राम सभा के फर्जी प्रस्ताव के सहारे हमारी जमीनें लूट कर अडानी को देना चाहता है. जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं.

आंदोलनकारी ग्रामीणों को सिंहदेव का साथ:गांव के पुराने लोग अपना जंगल और जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे. पादप बोर्ड अध्यक्ष ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अगर गांव वाले एक राय होकर खदान का विरोध करते हैं तो पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है. यहां के विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कई मंचों पर कहा है कि वे खुद ग्रामीणों के साथ खड़े रहेंगे. बस गांव के लोगों को एक राय बनानी पड़ेगी.

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दोबारा ग्राम सभा के आयोजन की मांग:ग्राम सभा को लेकर भ्रम की स्थिति थी. आंदोलन के समर्थन में खड़े लोग इसे फर्जी बता रहे हैं. जबकि खदान समर्थकों का कहना है प्रदर्शनकारी दूसरे गांव के हैं. जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदि बाबा की पहल पर इस संबंध में जिला पंचायत ने दो बार प्रस्ताव पारित कर खनन प्रभावित गांवों में पूरे कोरम के साथ फिर से ग्राम सभा कराने को कहा है. उससे पहले यहां पेड़ काटने सहित तमाम गतिविधियां रोक देनी चाहिए. जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने वीडियो कॉल से धरने पर बैठे ग्रामीणों से चर्चा की उन्होंने कहा कि प्रशासन जिस कोल बैरिंग एक्ट की बात कहता है. उसके तहत जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है. मगर वन अधिकार अधिनियम 2006 में यह स्पष्ट है कि वनों का संवर्धन,संरक्षण और उपयोगिता परिवर्तन ग्राम सभा की सहमति के बिना संभव नहीं है. जबतक ग्राम सभा नहीं चाहेगा एक भी पेड़ नहीं कटेगा. हम सब गांव के लोगों के निर्णय के साथ खड़े हैं.

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दोबारा बुलाई गई ग्राम सभा में भी फर्जीवाड़े का आरोप:जिला पंचायत के प्रस्ताव पर ग्राम पंचायत घाटबर्रा में ग्रामसभा की बैठक 28 मई को रखी गई थी. ग्राम के सरपंच ने बताया ग्रामसभा में सभा अध्यक्ष के नाम पर सहमति ना बन पाने के चलते बैठक को 4 जून के लिए टाल दिया गया. उपस्थित अधिकारियों ने सबके सामने घोषणा की थी. आज कुछ लोग बता रहे है कि 28 मई की सभा को प्रशासन ने मंजूरी दे दी है. हालांकि इसकी आधिकारिक सूचना पंचायत को नहीं दी गई थी.



उदयपुर के ग्राम बासेन, हरिहरपुर,साल्ही, घाटबर्रा आदि आधा दर्जन गांवों के सैकड़ों लोग पेड़ों को बचाने पिछले पांच दिनों से जंगल में डेरा जमाए हुए हैं. पारंपरिक तीर, कमान से लैस बुजुर्गों ,महिलाओं और युवाओं ने अपने बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेज दिया है. खुद खुले आसमान के नीचे कड़ी धूप और यदा-कदा होने वाली बरसात के बावजूद डटे हुए हैं . जन सहयोग से जंगल में ही खाने-पीने का बंदोबस्त किया जा रहा है ग्रामीणों के संघर्ष और उनकी मांग पर औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने तिरपाल और खाद्य सामान के लिए आर्थिक मदद की है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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