सरगुजा: चिरगा में प्रस्तावित मां कुदरगढ़ी एल्युमिनियम प्लांट को लेकर चल रहे विरोध के बीच आज प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. विरोध कर रहे ग्रामीणों ने मंत्री के काफिले को घेर (Minister Amarjit Bhagat surrounded by villagers) लिया. ग्रामीण मंत्री से मिलकर अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस व प्रशासनिक टीम ने उन्हें मिलने नहीं दिया, जिससे ग्रामीण भड़क गए. जब मंत्री ग्रामीणों के बीच पहुंचे, तो मंत्री को ग्रामीणों ने घेर लिया, जिसके बाद प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मच गया. मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइश देकर काफी मशक्कत के बाद मंत्री अमरजीत भगत को सुरक्षित बाहर निकाला. sarguja latest news
एल्युमिनियम प्लांट का लगातार हो रहा विरोध: जिले के बतौली विकासखंड के ग्राम चिरगा में मां कुदरगढ़ी एलुमिना रिफायनरी प्राईवेट लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री खुलना प्रस्तावित है. एल्युमिनियम प्लांट के लिए 227 एकड़ भूमि आबंटन भी सीएसआईडीसी ने कर दिया गया है. ग्रामीण लगातार प्लांट का विरोध कर रहे हैं. इस बीच गुरुवार को अपने प्रस्तावित दौरे के तहत खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत साइकिल वितरण और धान खरीदी केंद्र के निरीक्षण कार्यक्रम के तहत बतौली विकासखंड में पहुंचे थे. Opposition to Chirga aluminum plant
चिरगा एल्युमिनियम प्लांट का विरोध, ग्रामीणों के बीच घिरे मंत्री अमरजीत भगत - Protest against Chirga aluminum plant in Surguja
sarguja latest news गुरूवार को चिरगा में साइकिल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान एल्युमिनियम प्लांट का विरोध कर रहे सैकड़ों ग्रामीण भी पहुंचे (Opposition to Chirga aluminum plant) हुए थे. वे सभी मंत्री अमरजीत भगत से मिलना चाह रहे थे, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व प्रसाशन की टीम द्वारा ग्रामीणों को रोका गया. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अगले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकलते समय मंत्री अमरजीत भगत ग्रामीणों के बीच पहुंच गए और उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों ने मंत्री अमरजीत भगत को घेर लिया और उन्हें जाने नहीं दे रहे थे.
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अलग से कराई जाएगी ग्रामीणों और मंत्री की बैठक:विरोध प्रदर्शन के बीच पुलिस टीम द्वारा मंत्री अमरजीत भगत के काफिले को बाहर निकाला गया. हालांकि इस बीच बड़ी संख्या में ग्रामीण करदना भी पहुंच गए. जिसके बाद करदना के कार्यक्रम को छोड़कर मंत्री को आगे जाना पड़ा. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया गया कि उनकी बैठक मंत्री के साथ अलग से कराई जाएगी, जिसमें वे अपनी बात स्पष्ट रूप से रख सकते हैं.