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priyanka gandhi: क्या छत्तीसगढ़ में भी प्रियंका खेलेंगी महिला कार्ड, क्या होंगे नतीजे? जानिए

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ आ रही हैं. चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में ये उनका दूसरा दौरा है. ऐसा लगता है कि, यूपी के बाद अब वो छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं. ऐसे में क्या प्रियंका गांधी महिलाओं पर आधारित समीकरण पर काम करेंगी. क्योंकि, उत्तरप्रदेश में उन्होंने 40% महिलाओं को टिकट देने का फॉर्मूला अपनाया था.

Priyanka will play womens card in Chhattisgarh
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी

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Published : Apr 12, 2023, 11:04 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: क्या छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस 40% महिलाओं को टिकट देने जा रही है. यूपी में यह फॉर्मूला फेल रहा था. हालांकि, यूपी में कांग्रेस पहले से बेहद बुरी स्थिति में थी, इसलिए हार का ठीकरा महिलाओं के सर फोड़ना भी उचित नहीं होगा. लेकिन छत्तीसगढ़ में स्थिति उत्तरप्रदेश से कहीं अलग है. यहां हर मामले में महिला, पुरुषों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहीं हैं. तो क्या, प्रियंका छत्तीसगढ़ में भी महिलाओं पर दांव लगा सकतीं हैं.



"महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को जानती है कांग्रेस": इस मसले पर अम्बिकापुर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता का कहना है "कांग्रेस पार्टी हमेशा ही महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को जानती है, पहचानती है. हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी काफी समय तक सोनिया गांधी जी रही हैं. बहुत अच्छी बात है कि, यूपी में उन्होंने 40% महिलाओं को टिकट दिया. रिजल्ट अपनी जगह है. लेकिन, महिलाओं को घर से निकाल कर सामाजिक जीवन में अवसर देने का काम प्रियंका गांधी ने किया.

राकेश गुप्ता ने आगे कहा कि, "छत्तीसगढ़ के संदर्भ में बात है, तो आधी जनसंख्या को नकारा कैसे जा सकता है. छत्तीसगढ़ की प्रदेश प्रभारी शैलजा जी हैं. यह एक संयोग और उपलब्धि की बात है. सरगुजा में महिलाओं को अवसर देने की बात है, तो ये कांग्रेस नेतृत्व का काम है. लेकिन जिला कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते अगर नेतृत्व किसी महिला को टिकट देता है, तो हम लोग उसका पूरा सम्मान करेंगे. पूरे प्रयास से रिजल्ट अपने पक्ष में लाने का प्रयास करेंगे.

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"जहां भी कॉम्पिटिशन ओपन है, वहां महिलाओं की संख्या अधिक": राकेश गुप्ता का कहना है कि "उत्तर प्रदेश में असफलता की बात नहीं है. समाज में उन्हें जवाबदेही दी गई, ये बड़ी बात है. एक ही दिन में रिजल्ट हमारे पक्ष में आ जाएंगे, ये भी सम्भव नहीं है. अगर ऐसा होता तो NRLM की स्कीम सफल नहीं होती. इस स्कीम को महिला समूह ही चला रहीं हैं. आज आप किसी भी सार्वजनिक उपक्रम में देखेंगे, आप बैंक में चले जाएं. स्कूल में चले जाएं, तो जहां भी कॉम्पिटिशन ओपन है, वहां महिलाओं की संख्या अधिक दिखेगी. महिलाएं कमजोर हैं या रिज़ल्ट क्या होगा, कांग्रेस इस दिशा में सोंचती ही नहीं है. छत्तीसगढ़ में महिलाओं को टिकट दिया गया, तो बदलाव भी आयेगा और उसके पॉजिटिव रिज़ल्ट भी सामने आएंगे."

"महिलाओं को बढ़ावा मिलने पर, बेहतर परिणाम आयेंगे": राकेश गुप्ता का कहना है कि "जिला पंचायत की 14 सीटों में 10 में महिला जिला पंचायत सदस्य हैं. टिकट वितरण के लिये जो कमेटी बनती है, वो इस पर निर्णय लेगी. मेरा इस पर बोलना उचित भी नहीं होगा. लेकिन महिलाओं को अगर बढ़ावा मिलता है, तो बेहतर परिणाम आयेंगे. जरूरी नहीं कि विधानसभा चुनाव ही लड़ें. महिलाओं को जब, जहां मौका मिला है, उन्होंने खुद को साबित कर के दिखाया है."



"जहां जनाधार है, वहां करें प्रयोग": भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने इस मामले में कहा कि "यदि महिलाओं को नेतृत्व देने के संबंध में प्रियंका गांधी सीरियस हैं, तो उनको वहां प्रयोग करना चाहिये. जहां उनका जनाधार है. उत्तर प्रदेश में 20-25 वर्षों से कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है. तो वहां महिलाओं को टिकट देना महिलाओं के साथ बेमानी था. यदि सीरियस हैं तो, छत्तीसगढ़ में ये प्रयोग करके देखना चाहिये. भाजपा अपने मंडल से लेकर केंद्रीय संगठन में 33 प्रतिशत महिलाओं को प्रतिनिधित्व देती है. सदन में भी हमारा प्रतिशत सबसे अधिक है."

सामाजिक कार्यकर्ता क्या सोचते हैं: सूबे में महिलाओं को टिकट देने की बात पर सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सिसोदिया ने बताया कि" छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति बहुत बेहतर है. अगर यूपी वाला फॉर्मूला लागू होता है तो, वह भी बहुत अच्छा होगा. यह सफल भी हो सकता है. लेकिन इन सब बातों पर यह बात ज्यादा प्रभावी साबित होगी कि, कैसे महिला उम्मीदवारों का चयन किया जाता है. क्या उन्हें जनता स्वीकारेगी. वर्तमान के नेता उन्हें स्वीकारेंगे. अगर पॉलिटिकल क्षेत्र से महिला उम्मीदवार मिलती है. तो बेहतर परिणाम आएंगे. यूपी की स्थिति अलग है. यूपी का समाज पितृसत्तात्मक है. छत्तीसगढ़ का समाज पितृसत्तात्मक नहीं है. इसलिए यहां और वहां की स्थिति में बहुत अंतर है."



ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक दलों के मत के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति बेहद अच्छी है. अगर इस सूरत में प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ में महिला कार्ड खेलती हैं, तो निश्चित ही उसका फायदा मिल सकता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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