सरगुज़ा :देश मे एक तरफ बुलडोजर की सियासत चल रही है. यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार बुलडोजर चलवा रही है. लेकिन छत्तीसगढ़ में लोग मिसाल कायम कर रहे हैं. यहां लोग (noble initiative of the people of surguja) सड़क चौड़ीकरण के लिये खुद से अपने घर तोड़ रहे हैं. बड़ी बात यह है कि, अभी निर्माण कार्य प्रस्तावित भी नही हुए हैं लेकिन लोगों ने अतिक्रमण सहित अपनी खुद की जमीन भी निर्माण के लिये दे दी है.
मूलभूत सुविधाओं के लिए छोड़ रहे जमीन:इस प्रयास में एक महिला पार्षद ने पहल की है. वार्ड क्रमांक 3 की पार्षद गीता रजक ने अपने वार्ड के लोगों को विश्वास में लेकर आम सहमति बनाई है और लोग अपनी जमीन, सड़क, पानी, बिजली जैसी सुविधाओं के विस्तार के लिये छोड़ दी है. कई लोग अपने घर तोड़कर रास्ता दे चुके हैं. इस वार्ड में तो एक सख्स की जमीन का वो हिस्सा सड़क में आ रहा था जहां उसने बोरवेल कराया था लेकिन उसने बोरवेल सहित अपनी जमीन दे दी.
अंबिकापुर नगर निगम ने की थी ये घोषणा: यह मामला तब प्रकाश में आया जब सामान्य सभा मे नगर निगम ने यह प्रस्ताव पारित की कि, आम सहमति से हुये चौड़ीकरण वाले मोहल्लों में नगर निगम प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले निर्माण कार्य और अन्य सुविधाएं देगा. इसकी मांग पार्षद मेराज रंगरेज और गीता रजक ने की थी. जिसके बाद अब यह नया प्रयोग अम्बिकापुर नगर निगम शुरू करने जा रहा है.अम्बिकापुर में यह घटना असमान्य नहीं है. 5 वर्ष पहले भी एक महिला पार्षद कौशर रंगरेज अपने वार्ड में 5 सड़कों का चौड़ीकरण आम सहमति से करा चुकी हैं. अब उसी वार्ड से कौशर रंगरेज के पति मेराज रंगरेंज पार्षद हैं. मेराज भी अपनी एक और सड़क को 10 फीट से 30 फीट चौड़ा कराना चाहते हैं. इसके लिए मोहल्ले वासियों ने आम सहमति बना ली है, कुछ लोगों ने घर तोड़ दिए हैं तो कुछ पहले से ही वैकल्पिक व्यवस्था कर चुके हैं.
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