सरगुजा: केंद्र सरकार ने देशभर में सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जन औषधि केंद्र खोले थे. इन केंद्रों में जेनरिक दवाई और जीवन रक्षक दवाइयों की अनिवार्यता थी. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को सस्ती और जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध हो सके, लेकिन जिले में जन औषधि केंद्र औचित्यहीन नजर आ रहे हैं. संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संचालित जन औषधि केंद्र को छोड़ दें तो बाकी ब्लॉक मुख्यालयों में इसकी उपयोगिता कुछ खास नहीं बची है. इसके पीछे वजह है CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन) के माध्यम से उपलब्ध निःशुल्क दवाइयां.
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दवाइयों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग
प्राथमिक सामुदायिक और उप स्वास्थ्य केंद्र में सीजीएमएससी की दवाइयां उपलब्ध हैं. यूनीवर्सल हेल्थ केयर के तहत छत्तीसगढ़ में सबसे पहले दवाइयों के स्टॉक पर ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने फोकस किया था. सीजीएमएससी के स्टॉक को ऑनलाइन कर उसमें ऐसी पारदर्शिता लाई गई कि आज हर इंसान घर बैठे प्रदेश भर में दवाइयों का स्टॉक मोबाइल एप्लीकेशन से चेक कर सकता है. ऑनलाइन एप्लिकेशन से मॉनिटरिंग का परिणाम यह हुआ कि आज गांव-गांव के अस्पताल में दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रहता है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी(CMHO) पीएस सिसोदिया ने बताया कि सीजीएमएससी 99 प्रतिशत दवाइयों की उपलब्धता कराता है. 1 प्रतिशत ऐसी दवाइयां हैं जिनकी ज्यादा जरूरत भी नहीं पड़ती है. ऐसे में जन औषधी केंद्र यहां पर कारगर साबित नहीं हो रही हैं.