सरगुजा: पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने शराबबंदी पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं हो सकती है. मैं भी आदिवासी हूं, शराब हमारी परपंरा में रचा बसा है. बाकी 40फीसदी के हिस्से में शराबबंदी पर सरकार विचार कर सकती है. मोहन मरकाम के बयान ने एक बात तय कर दी है की बस्तर, सरगुजा संभाग और कोरबा जिले में शराब बंदी संभव नहीं है.
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि, हम आदिवासियों के जीने से लेकर मरने तक हर काम में शराब का इस्तेमाल होता है. तर्पण में इसका इतेमाल होता है. इसलिए इसे आदिवासी क्षेत्रों में तो बंद नहीं करना चाहिए. 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं की जा सकती है. ये हमारे जीवन मे रचा बसा है. बाकी के 40 फीसदी हिस्से में सरकार फैसला ले कि उसे क्या करना है.
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया था. लेकिन अब तक शराबबंदी हो नहीं सकी. सरकार ने शराबबंदी करने एक कमेटी बनाई लेकिन वो भी अब तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. इधर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने ऐसा बयान दे दिया है. जिससे ये स्पष्ट हो गया है की 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं होगी. अगर सरकार शराब बंदी करती भी है तो सिर्फ 40 फीसदी हिस्से में ही शराबबंदी की जाएगी