सरगुजा : प्रदेश भर में मनरेगा का काम सुचारू रूप से लगातार चल रहा है, जिसके कारण ही छत्तीसगढ़ ने देशभर में सबसे ज्यादा काम उपलब्ध कराने वाले राज्य के रूप में अपनी पहचान बना ली है. इसी बीच अब प्रदेश का नाम मनरेगा के तहत कार्यस्थल पर ही मजदूरी का भुगतान करने के लिए होने वाला है. बीते दिनों प्रदेश के अलग-अलग जिलों और जनपदों के जिला पंचायत सदस्यों, अध्यक्षों-उपाध्यक्षों से चर्चा की गई थी. चर्चा के बाद मिले सुझावों के हिसाब से अब 15-15 दिनों का काम पूरा होने के बाद मजदूरों को उनकी कमाई का भुगतान कार्यस्थल पर ही किया जाएगा. इसकी शुरुआत सरगुजा जिले से की गई है.
अब मौके पर ही होगा मनरेगा की मजदूरी का भुगतान बीते दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई थी. चर्चा के दौरान सरगुजा जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 2 के सदस्य आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने सुझाव देते हुए कहा था कि अगर मजदूरों की मजदूरी का उनके कार्यस्थल पर ही भुगतान हो जाए, तो उनका समय बचेगा और पारदर्शिता बनी रहेगी. इस पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस मांग को पूरा करने के संबंध में बैंक सखियों से चर्चा की थी.
मनरेगा का भुगतान करती बैंक सखी के महिलाएं जिसके बाद बैंक सखियों ने इस काम के लिए अपनी सहमति दी. पंचायत मंत्री की पहल पर सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत बकालो में कार्यस्थल पर ही भुगतान की शुरुआत की गई है. बैंक सखी ने कार्यस्थल पर पहुंचकर मजदूरों का भुगतान किया.
19 हजार से ज्यादा ग्रामीण मनरेगा के तहत कर रहे काम
लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में लाइफलाइन बने मनरेगा का काम सरगुजा के कई ग्राम पंचायतों में तेजी से चल रहा है. इसी का परिणाम है कि आज जिले के किसी भी ग्राम पंचायत में काम की कमी नहीं है. पूरे जिले में लगभग 88 हजार ग्रामीण और अंबिकापुर जनपद पंचायत क्षेत्र में लगभग 19 हजार से ज्यादा ग्रामीण मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं.
जिला पंचायत सदस्य ने जाना पेमेंट करने में होने वाली समस्या
मनरेगा के कामों का समय पर भुगतान हो, इसके लिए पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर अब हर 15 दिनों में भुगतान किया जा रहा है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब कार्यस्थल पर ही बैंक सखी के माध्यम से मनरेगा के श्रमिकों को भुगतान होगा, जिसकी शुरुआत सरगुजा के ग्राम पंचायत बकालो से हुई. इस दौरान जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता मौजूद रहे. उन्होंने बैंक सखी से पेमेंट करने में होने वाली समस्या के बारे में बात की. साथ ही उन्होंने मजदूरों से भी इस पर चर्चा की, ताकि इसमें सुधार किया जा सके.
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आज ग्रामवासियों की इस पहल से मनरेगा के प्रति विश्वास और बढ़ा है, साथ ही इस लॉकडाउन के दौरान हर 15 दिन बाद भुगतान बैंक खाते में आने से राहत मिली है, लोगों के हाथों में पैसा आने लगा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा होगा. पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव की यह पहल अगर कारगर रही, तो पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा, ताकि मजदूरी के भुगतान के लिए ग्रामीणों को यहां-वहां न भटकना पड़े.