सरगुजा :मेडिकल कॉलेज ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद प्रवेश लेने वाले MBBS के 94 स्टूडेंट्स में से 90 छात्रों ने मुख्य और अंतिम वर्ष की परीक्षा पास कर ली है. विश्वविद्यालय की तरफ से परिणाम जारी किए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन में हर्ष का माहौल है. बड़ी बात यह है कि मेडिकल कॉलेज से निकलने वाला ये बैच अब अस्पताल में ही अपनी सेवाएं देगा. एक साल की ट्रेनिंग मेडिकल कॉलेज में ही पूरी होगी.
नए MBBS डॉक्टरों के आने से ना सिर्फ अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर होगी, बल्कि कोरोना महामारी से लड़ने में भी बड़ी मदद मिलेगी. ये डॉक्टर अब अस्पताल के विभिन्न विभागों के साथ ही कोविड में भी अपनी सेवाएं देंगे. फिलहाल शुरुआती दौर में इन डॉक्टरों से नॉन कोविड काम ही लिया जा रहा है, लेकिन जल्द ही इन्हें कोविड वार्ड में भी ड्यूटी के लिये भेजा जायेगा.
फर्स्ट बैच के 90 छात्र-छात्राएं बने डॉक्टर
सरगुजा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना व MCI से मान्यता मिलने के बाद साल 2016-17 में प्रथम बैच के 94 छात्र-छात्राओं ने MBBS की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया था. स्थापना के बाद से ही मेडिकल कॉलेज संसाधनों की कमी और मान्यता को लेकर संघर्ष करता रहा है. यही वजह है कि कॉलेज को दो बार जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था. जबकि दो बार MCI से मान्यता मिली. फैकल्टी और संसाधनों की कमी के बाद भी मेडिकल कॉलेज के प्रथम बैच की पढ़ाई निरंतर जारी रही. MBBS की पढ़ाई कर रहे 94 छात्र-छात्राएं अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल हो सके. कॉलेज के प्रथम बैच के अंतिम वर्ष की मुख्य परीक्षा 25 अप्रैल को खत्म हुई थी. बड़ी बात ये है कि परीक्षा में प्रैक्टिकल के दौरान NMC का ऑनलाइन निरीक्षण भी हुआ और वे कॉलेज के छात्र-छात्राओं से काफी प्रभावित हुए थे.