सरगुजा:गर्मी का मौसम आ चुका है. तेज गर्मी में पीने के पानी की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है. ऐसे स्थान जहां अधिक भीड़ होती है, जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या अन्य सार्वजनिक स्थान, इन जगहों पर पेयजल की आपूर्ति कराने के लिए सरकार ने वॉटर एटीएम लगाए थे, लेकिन लोगों की प्यास बुझाने वाले वॉटर एटीएम खुद प्यासे हैं. संभाग के 60 वॉटर एटीएम खराब पड़े हैं.
60 से ज्यादा वॉटर एटीएम बंद ETV भारत की पड़ताल
वॉटर एटीएम का हाल जानने के लिए हमने सबसे पहले पीएचई विभाग से संपर्क किया. विभाग ने जानकारी देने से हाथ खड़े कर दिए, जिसके बाद ईटीवी भारत ने संभाग के हर विधानसभा क्षेत्र में मौजूद अपनी टीम से वॉटर एटीएम की पड़ताल कराई. विधानसभा में ब्लॉक के आधार पर वॉटर एटीएम की संख्या मंगाई. यह भी देखा गया कि कौन से एटीएम चालू हैं और कौन से बंद. आंकड़ों के मिलने के बाद पता चला कि लगभग 103 से अधिक वॉटर एटीएम सरगुजा संभाग में लगाए गए थे, लेकिन इनमें से 60 से ज्यादा बंद पड़े हैं.
संभाग मुख्यालय की स्थिति
जिले में वॉटर एटीएम नर्मदापुर, सीतापुर, बतौली, उदयपुर के बकोई, उदयपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बंद हैं. इसके साथ ही लखनपुर, लुंड्रा, रघुनाथपुर में भी वॉटर एटीएम बंद पड़े हैं. नगर निगम क्षेत्र में 8 वॉटर एटीएम में से 6 ही चालू हालत में हैं. 2 वॉटर एटीएम अंबिकापुर शहर में भी बंद हैं. सरगुजा जिले में कुल 16 वॉटर एटीएम हैं, जिनमें 6 ही काम कर रहे हैं, बाकी के 10 एटीएम मरम्मत के अभाव में बंद पड़े हैं.
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संभाग के अन्य जिलों की स्थिति
जशपुर जिले में 8 वॉटर एटीएम में से 4 बंद हैं. बलरामपुर जिले में 8 वॉटर एटीएम में से 3 बंद हैं. कोरिया जिले में सबसे अधिक वॉटर एटीएम लगाए गए, लेकिन यहां 60 में से लगभग 30 वॉटर एटीएम बंद हैं. सूरजपुर में 3 वॉटर एटीएम में से तीनों बंद पड़े हैं. जबकि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 8 वॉटर एटीएम में से 6 बंद पड़े हैं.
भाजपा-कांग्रेस का अपना राग
वॉटर एटीएम दो अलग-अलग साइज के लगाए गए हैं. छोटी यूनिट 6 लाख और बड़ी यूनिट 8 लाख की लागत से लगाई जाती है. इस हिसाब से लगभग 8 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर संभाग के लोगों की प्यास बुझाने का काम किया गया था, लेकिन योजना के सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं होने की वजह से ये ठप पड़ी है. इधर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही योजना को फेल बता रहे हैं. दोनों पार्टियां वॉटर एटीएम के बंद होने की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा है. दोनों एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.
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बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष प्रशांत शंकर त्रिपाठी का कहना है कि उनकी सरकार ने इतनी बड़ी योजना दी थी, कांग्रेस सरकार को उसका रखरखाव करना था, उसे सुचारू रूप से जारी रखना था. वहीं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता का आरोप है कि वॉटर एटीएम को इन्स्टॉल करने वाली कंपनी को इसके मेंटनेंस के भी पैसे दिए गए होंगे. योजना बनाते समय इस बात का ध्यान पिछली सरकार ने नहीं दिया. आज वॉटर एटीएम की योजना ठप पड़ी है.
वॉटर एटीएम ठीक कराने का दिया आश्वासन
अब सवाल यही है कि आखिर सियासी शतरंज में आरोप-प्रत्यारोप तो लग गए, लेकिन लोगों की प्यास बुझाने के लिए क्या होगा ? इन बंद पड़े वॉटर एटीएम को क्या कांग्रेस सरकार बनवाएगी या फिर पुराने सप्लायर से इसकी रिकवरी का कोई आदेश जारी होगा ? फिलहाल, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इसकी मरम्मत कराने का आश्वासन तो दिया है, लेकिन देखना यह होगा कि गर्मियों में ये वॉटर एटीएम लोगों की प्यास बुझा पाते हैं या यूं ही बंद पड़े रह जाएंगे.