सरगुजा: कोरोना संक्रमण की वजह से जारी लाॅकडाउन में भी अब ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध होने लगा है. जिले में मनरेगा के तहत ग्रामीण मजदूरों को काम मिल रहा हैै, जिससे उनकी परेशानी दूर हो रही है. अब मजदूरों को मनरेगा की वजह से जीवनयापन के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध हो रहे हैं. ग्राम पंचायतों में बड़े पैमाने पर मनरेगा का काम शुरू होने से एक सप्ताह में ही मजदूरों की संख्या दोगुनी हो गई है.
कोरोना से बचाव के उपायों का हो रहा पालन 21 अप्रैल 2020 की स्थिति में जिले में मनरेगा के 23 हजार 346 मजदूर कार्यरत थे. वहीं 28 अप्रैल की स्थिति में मजदूरों की संख्या 47 हजार 295 हो गई है. मनरेगा के कार्यस्थल पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी एहतियात के तौर पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. इसके साथ ही पानी, साबुन और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था कार्यस्थल पर की जा रही है.
400 ग्राम पंचायतों में चल रहा मनरेगा का काम
कलेक्टर सारांश मित्तर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुलदीप शर्मा के निर्देशन में जिले के 400 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत समतलीकरण, डबरी निर्माण, नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, कूप निर्माण, सीपीटी निर्माण आदि के 1 हजार 920 काम चल रहे हैं, जिसमें 47 हजार 295 मजदूर कार्यरत हैं.
जिला पंचायत कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार,
- अम्बिकापुर विकासखण्ड के 101 ग्राम पंचायतों में 565 कार्यों में 8 हजार 307 मजदूर
- लखनपुर विकासखण्ड के 74 ग्राम पंचायतों में 300 कार्यों में 7 हजार 725 मजदूर
- बतौली विकासखण्ड के 42 ग्राम पंचायतों में 147 कार्यों में 5 हजार 191 मजदूर
- लुण्ड्रा विकासखण्ड के 77 ग्राम पंचायतों में 232 कार्यों में 7 हजार 340 मजदूर
- सीतापुर विकासखण्ड के 42 ग्राम पंचायतों में 288 कार्यों में 5 हजार 738 मजदूर
- मैनपाट विकासखण्ड के 44 ग्राम पंचायतों में 171 कार्यों में 5 हजार 17 मजदूर
- उदयपुर विकासखण्ड के 59 ग्राम पंचायतों में 217 कार्यों में 7 हजार 975 मजदूर
बता दें कि शासन की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार 1 अप्रैल 2020 से मनरेगा की मजदूरी दर में वृद्धि कर 190 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है.