सरगुजाःअंबिकापुर में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला उद्यम समागम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव शामिल हुए. सिंहदेव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया. कार्यशाला में सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर, रामानुजगंज के उद्योगपति, नव उद्यमी, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं शामिल हुए.
एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला उद्यम समागम का आयोजन कार्यक्रम में उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने सरगुजा जिले के इंजीनियरिंग कॉलेज में इंक्यूबेशन सेंटर खोलने की घोषणा की. टीएस सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा अंचल में खनिज और वनों से आच्छादित क्षेत्र है. यहां की खनिज संसाधन, वनोपज और कृषि उपज के आधार पर औधोगिक इकाइयां स्थापित होने से स्थानीय उद्यमियों को रोजगार मिलेगा. सिंहदेव ने कहा कि कोई भी समाज तब तक आगे बढ़ कर मंजिल को नहीं पा सकता. जब तक वो एक सीमा तक उद्योगों को नहीं अपनाता.
उद्यमियों को सहूलियत देने के लिए नई उद्योग नीति
छत्तीसगढ़ में औद्योगीकरण को बढ़ावा देना और उद्यमियों को सहूलियत देने के लिए नई उद्योग नीति 2019 बनाई गई. इस नीति को बनाने के लिए राज्य के कई शहरों में उद्योगपतियों का सम्मेलन कर उनसे सुझाव लिया गया. नीति में आदिवासी क्षेत्रों में उद्योगपति यदि 100 रुपये पूंजी लगाता हैं, तो उसे शासन 150 रुपये सहायता राशि उपलब्ध कराएगी.
ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन करानी होगी सुलभ
मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि कोई उद्योगपति साधारणतया अपनी इकाई शहर से ज्यादा दूर लगाने में रुचि नहीं लेता. उसे सुविधा चाहिए होता है. इन्हीं बातों को लेकर हमें ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन और दूसरे सामग्री सुलभ करानी होगी. इसके लिए कच्चा माल नजदीक में उपलब्ध हो उत्पाद के लिए बेहतर बाजार हो. ताकि माल की जल्दी सप्लाई हो सके. सिंहदेव ने कहा कि आज की स्थित में सभी शिक्षित युवाओं को सरकारी नौकरी दे पाना संभव नहीं है.
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सरकार की नई औधोगिक नीति
उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि हमारी सरकार की नई औधोगिक नीति के कारण ही कोरोना काल में भी राज्य के उद्योग बंद नहीं हुए. 1200 नए इकाई स्थापित हुए. छत्तीसगढ़ देश में तेजी से बढ़ता हुआ आद्योगिक राज्य है. हमारी उद्योग नीति बहुत सरल है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विकास खंडों में फूड पार्क की स्थापना के लिए भूमि का अधिग्रहण तेजी से किया जा रहा है. आदिवासी और कमजोर वर्ग के लोगों की जमीन नहीं ली जाएगी. जो स्वेच्छा से देना चाहे, तभी लिया जाएगा.
लोगों को उद्योग का लाभ
शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि लोगों को उद्योग का लाभ कैसे मिले. साथ ही सरगुजा संभाग में उद्योग के लिए जो संभावना बन सकती है. उसे ध्यान में रखते हुए योजना बनाने की आवश्यकता है. सरगुजा में लघु वनोपज के रूप में महुआ का प्रसंस्करण कर लड्डू आचार, जैम, सैनीटाईजर बनाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि धान खरीदी के लिए बड़ी मात्रा में बारदाने की जरूरत पड़ती है. जूट का उद्योग अभी छ्त्तीसगढ़ में नहीं है. इसकी शुरुआत की जा सकती है. इसी प्रकार गन्ने और मक्के से एथेनाल बनाने की तैयारी भी किया जा सकता है.