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सरगुजा में मछली पालन से युवाओं के आए अच्छे दिन, जानिए कितना हो रहा मुनाफा !

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Published : Jul 30, 2022, 3:19 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा का एक शख्स पुणे में अपनी नौकरी छोड़ वापस अपने गांव लौट आया और अपनी जमीन पर मछली पालन का व्यवसाय करने लगा. अब मछली पालन कर वो लाखों की कमाई कर रहा (man quit job started fish farming in Surguja Now earning millions) है.

fish farming
सरगुजा में मछली पालन का धंधा

सरगुजा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा का एक युवक पुणे में एक फाइनेंस कंपनी में काम करता था. हालांकि अब वो उस काम को छोड़ घर वापस आकर मछली पालन कर रहा है. बड़ी बात यह है कि मछली पालन का तरीका अनूठा है. यह तालाब या नदी में नहीं बल्कि करीब 3 डिसमिल जमीन में टंकी बनाकर मछली पालन कर मछली के बीज तैयार कर रहा है. दरअसल हम बात कर रहे हैं सरगुजा के अनिल की, जो फाइनेंस कंपनी में नौकरी छोड़कर मछली पालन कर अच्छी आमदनी कर रहा है. इतना ही नहीं अनिल बेरोजगार युवाओं को भी अपना स्टार्टअप करने की सलाह दे रहा रहा (man earning lakhs by fishing in surguja) है.

नौकरी छोड़ शुरू किया मछली पालन :सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से करीब 70 किलोमीटर दूर सीतापुर क्षेत्र में धरमपुर गांव है. इस गांव में रहने वाला एक युवक अनिल पुणे में कॉमर्स की पढ़ाई कर रहा था. पढ़ाई के बाद पुणे में ही एक फाइनेंस कंपनी में उसकी नौकरी लग गई लेकिन जब अनिल पुणे से वापस अपने गांव धरमपुर आया तो फिर वो वापस नहीं गया.

सरगुजा में मछली पालन का धंधा

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1800 स्क्वायर फीट की जगह:अनिल अब एक पढ़ा लिखा किसान बन गया है. गांव में ही रहकर उसने मछली पालन पर रिसर्च शुरू किया. कुछ किताबें पढ़ी, कुछ यूट्यूब वीडियो देखें और सरकारी मछली विभाग से भी जानकारी एकत्र की. इन सब के बाद अनिल ने अपने घर के पीछे ही 30 फीट चौड़ी और 60 फीट लंबी जमीन पर शेड डालकर मछली पालन का काम शुरू कर दिया. टंकियों में पानी भरने और निकालने के लिये पाइपलाइन कनेक्टिविटी बनाई और इनमें मछली पालन शुरू कर दिया.

डेढ़ से दो लाख में शुरू हुआ काम:इस पूरे सेटअप को बनाने में लगभग डेढ़ से 2 लाख रुपए अनिल ने खर्च किए हैं. मछली को पालकर पहले बड़ा किया जाता है फिर उसे बेच दिया जाता है. हालांकि अनिल मुख्य रूप से मछलियों के बीज बेचने का काम करते हैं, वो अंडे निकालकर बीज भी खुद ही तैयार करते हैं. मछली की बहुत सी प्रजातियां होती हैं, लेकिन अनिल विलुप्त हो रही प्रजाति देसी मांगुर और सिंगी नस्ल की मछली पालन कर रहे हैं ताकि मछली की इस नस्ल का संरक्षण भी हो सके.

कम लागत में अधिक मुनाफा:इस व्यवसाय के शुरुआत में ही तीन महीने में लगभग डेढ़ लाख का मुनाफा संभव है. हालांकि मुनाफा बाजार भाव पर भी निर्भर है. आप मछली को कितने अधिक दाम में बेच पाते हैं. इसी पर आपकी कमाई निर्भर होगी. लेकिन एक अनुमानित कमाई महीने के 50 हजार तक पहुंच रही है. कम जगह कम लागत में एक बेहतरीन स्टार्टअप अनिल ने किया है. देश के बेरोजगार युवक इस स्टार्टअप से प्रेरणा ले सकते हैं और खुद ऐसे काम कर सकते हैं.

दो रुपये में मिलता है मछली का एक बीज : अनिल बताते हैं कि "मैं पुणे में जॉब करता था. उस समय स्टार्टिंग 12-13 हजार वेतन मिलता था. अब इस व्यवसाय से ठीक-ठाक आमदनी हो जाती है. आमदनी बाजार पर निर्भर हैं, लेकिन मछली का बीज अगर 2 रुपये प्रति पीस जोड़ते हैं और 1 लाख बीज उत्पादन होता है तो इस हिसाब से आमदनी 2 लाख हो जाती है. बेरोजगार युवक भी इस तरह के स्टार्टअप कर सकते हैं."

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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