सरगुजा: आदि शक्ति दुर्गा के रूपों में एक मां महामाया जो सरगुजा में विराजी हैं. महामाया की पूजा और प्रभाव ऐसा है कि सरगुजा में मान्यता है कि इस शहर में आने वाला कभी भूखा नहीं रहता है. मंदिर के पुजारी धर्म दत्त मिश्र बताते हैं " देवी की पूजा के लिये ना कोई समय ना ही कोई विधि जरूरी है. जो जितना ज्ञानी है, वो अपने ज्ञान के अनुसार देवी की पूजा करता है. कोई मंत्रों के साथ पूजा करता है तो कोई साधारण रूप से मनोरथ मांगता है. देवी सभी की सुनती हैं. सभी के मनोरथ पूरे होते हैं. हालांकि मंगलवार और शुक्रवार को देवी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है"
"हरि अनंत हरि कथा अनंता": पंडित धर्म दत्त कहते हैं "हरि अनंत हरि कथा अनंता, भगवान अनंत है और इनकी कथा भी अनंत है. जैसी स्थिती वैसी पूजा लोग करते हैं. महामाया मंदिर में लोग नारियल, धूप, कपूर, चुनरी, श्रृंगार चढ़ाते हैं और माता को प्रसन्न करते हैं. आस्था और सच्ची श्रद्धा जरूरी है. मंगलवार को साप्ताहिक अवकाश होने के कारण महामाया मंदिर में बहुत अधिक भीड़ होती है. व्यापारी इस दिन सपरिवार माता के दरबार में हाजिरी लगाने जरूर आते हैं."
"इस शहर में कोई भूखा नहीं सोता": मंदिर के एक अन्य पुजारी बलराज मिश्र बताते हैं "महामाया सरगुजा राजपरिवार की ईष्ट देवी हैं. प्रमाणित इतिहास तो नहीं है लेकिन किवदंति है कि महामाया का सिर रतनपुर और धड़ अम्बिकापुर में है. माता की प्रतिमा छिन्न मस्तिका है. महामाया के बगल में विंध्यवासिनी विराजी हैं. विंध्यवासिनी की प्राणप्रतिष्ठा विन्ध्यांचल से लाकर की गई है. मान्यता है कि यहां भक्त जो भी मनौती करते हैं, वो पूरी जरूर होती है. कर्म के हिसाब से लोगों को फल जरूर मिलता है. यहां एक चमत्कार है कि इस शहर में कोई भूखा नहीं सोता है. अगर कोई दिन में यहां आ गया है तो शाम होते उसके खाने की व्यवस्था हो जाती है."
Mahamaya Temple Ambikapur: सरगुजा की मां महामाया स्मरण मात्र से पूरी करती हैं मुरादें, कैसे करें प्रसन्न, जानिए - आदि शक्ति दुर्गा के रूपों में एक मां महामाया
छत्तीसगढ़ राज्य में देवी मंदिरों की बहुलता देखी जाती है. वनांचल प्रदेश में अलग अलग स्थानों पर देवी को अलग अलग रूप में पूजा जाता है. सनातन धर्म मे बहुत से देवी देवताओं के पूजन का महत्व है. पूजन के लिये विशेष दिनों का भी महत्व है. देवी की आराधना के लिये शुक्रवार और मंगलवार का दिन उपयुक्त माना गया है. मान्यता है कि अम्बिकापुर के महामाया मंदिर में भक्त जो भी मनौती करते हैं, वो पूरी जरूर होती है.
सरगुजा की मां महामाया
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"स्मरण मात्र से होती है मनोकामना पूर्ण" देवी की आराधना उपासना के लिये पुजारियों ने जो बताया उससे यह बात सामने आई की शुक्रवार हो या मंगलवार या कोई अन्य दिन देवी की उपासना सच्चे मन से करने वाले को फल जरूर मिलता है. पूजा के तरीके सब के अपने अपने हैं लेकिन जरूरी कुछ भी नहीं. सिर्फ आस्था और श्रद्धा के साथ स्मरण करने मात्र से ही मां महामाया लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST