सरगुजा : भगवान कृष्ण और राधा का प्रेम एक अलग ही संदेश देता है. कृष्ण को प्रिय कई वस्तुओं में एक मुरली और दूसरा था कदंब का पेड़. कदंब का पेड़ राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक बना. कृष्ण की मुरली का साक्षी भी बना. पंडित योगेश नारायण मिश्र कहते हैं. "भारत में प्रेम पाश्चातय की तरह नही है. यहां पूर्वी प्रेम हृदय का प्रेम है. राधा कृष्ण की भांति यहां प्रेम किया जाता है. भगवान कृष्ण अपनी प्रियसी राधा को स्मरण करते हुये कालिंदी के तट पर कदंब के वृक्ष के नीचे बैठकर उनको याद करते हुये मोहक बंशी बजाया करते थे. यह कदंब का पेड़ संगीत और प्रेम के लिये महत्वपूर्ण है"
कदंब का वृक्ष और प्रेम :पंडित योगेश नारायण मिश्र कहते हैं " कदंब का वृक्ष और उसका फूल देखने मे ही बड़े सुंदर और किसी सुंदर गेंद के जैसे दिखलाई पड़ते हैं. ऐसा फूल जो भगवान को भी प्रिय है और मनुष्यों को भी वो देखने मे ही सुंदर लगता है. कदंब का वृक्ष हो या अन्य वृक्ष इनका तो महत्व है ही. कदंब के फल को पक्षी और अन्य जीव खाते भी हैं"
पंडित योगेश नारायण के अनुसार " प्रेम तो हमेशा फलते फूलते रहना चाहिये. प्रेम हमेशा बढ़ते रहना चाहिये तो सच मे अगर कोई अच्छा वृक्ष लगाया जाये, या दिया जाए दोनों मिलकर उसे लगाए और दोनों मिलकर उसको पुष्पित पल्लवित होता देखे. वहां बैठकर उसे लगाएं, और बड़े होने पर वहां जाएं और परिवार सहित अपने बच्चों के साथ वहां जायें और उन्हें बताएं कि अपने प्रेम के प्रतीक के स्वरूप हमने यह कदंब का वृक्ष लगाया था. आज हम उसके तले में बैठे हैं. तो यह प्रेम की निष्ठा की बात होगी"
प्रकृति और प्रेम का जुड़ाव :योगेश मिश्र बताते है "क्योंकि प्रकृति और प्रेम है. परस्पर जुड़ी हुई चीज हैं. इसलिए बेहतर होगा कि प्रेम के प्रतीक के रूप में एक सुंदर कदंब का वृक्ष लगाएं. जिसमें बैठकर भगवान कृष्ण राधा को याद करते हुए भक्ति और प्रेम से युक्त बांसुरी बजाया करते थे. धार्मिक दृष्टि से कदंब का एक अलग महत्व है. लेकिन कदम्ब का वृक्ष एक बड़ा वृक्ष है. घर में तो नहीं लेकिन घर के आस पास गार्डन में इसे लगाया जाये तो यह बड़ा सुंदर दिखाई पड़ेगा"
Kadamba tree symbol of love : राधाकृष्ण के प्रेम का प्रतीक, इस वैलेंटाइन करें समर्पित
प्रेम के प्रतीक के रूप में वैलेंटाइन डे को मनाया जाता है. इस दिवस में ना जाने कितने रंग जुड़ते जा रहे हैं. भारत में एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो पाश्चात्य सभ्यता के विरोध में इस उत्सव को नहीं मानता. लेकिन प्रेम से किसी का इनकार नहीं है. वैसे भी भारत प्रेम करने वालों का देश है. यहां प्रेम के ऐसे उदाहरण हुए हैं जो सबसे अद्भुत हैं. जैसे राधा और कृष्ण का प्रेम है. आइये जानते हैं राधा कृष्ण के प्रेम की सबसे खूबसूरत निशानी जिसे आप भी बना सकते हैं अपने प्रेम का प्रतीक.valentine day 2023
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कदंब का पौधा देकर करें इजहार :अगर आप वेलेंटाइन डे नही मानते हैं या भारतीय सभ्यता के साथ प्रेम का दिवस और प्रेम की स्मृतियों को संजोना चाहते हैं. तो अपने लाइफ पार्टनर, प्रेमी या प्रेमिका को कदम्ब का पौधा उपहार स्वरूप दे सकते हैं. दोनों मिलकर कहीं पर इस पौधे का रोपण कर सकते हैं. इससे ना सिर्फ आप एक महान प्रेम के प्रतीक को स्थापित करेंगे बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाएंगे.