छत्तीसगढ़ के आदिवासी PVTG परिवारों के लिए पीएम जनमन योजना, कितनी फायदेमंद जानिए ?
PM Janman Yojana मोदी सरकार ने आदिवासियों और जनजातियों के विकास के लिए नई योजना तैयार की है. यह स्कीम पीएम जनमन के नाम से जानी जा रही है. इसके तहत दुर्गम जगहों और विकास से महरूम रह रे जनजातियों को सुविधाएं पहुंचाने का काम किया जा रहा है. Chhattisgarh PVTG
सरगुजा: छत्तीसगढ़ में नई सरकार का गठन हुआ. आदिवासी चेहरे विष्णुदेव साय को सीएम पद की कमान दी गई. अब प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाओं को आदिवासियों के विकास के लिए तेजी से बढ़ाया जा रहा है. इसमें पीएम जनमन योजना की शुरुआत हो गई है. इस स्कीम के तहत प्रशासन की टीम जंगल पहाड़ों तक सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रही है.
क्या है पीएम जनमन योजना: पीएम जनमन योजना को मिशन के तौर पर छत्तीसगढ़ में PVTG यानी की विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों के परिवारों (Particularly vulnerable tribal group) के लिए चलाया जा रहा है. मोदी सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए इस योजना को शुरू किया. इस स्कीम के तहत कई रूपों में काम किया जा रहा है. इस बारे में आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त देव राम प्रसाद ने ईटीवी से बात की है.
"विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए मोदी सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है. इसके तहत प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय योजना की शुरूआत की गई है. इस योजना में 9 केन्द्रीय मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों जैसे पक्का आवास, विद्युतीकरण, सड़क, पेयजल जैसी सुविधाओं को पहुंचाने का काम किया जा रहा है": देव राम प्रसाद, सहायक आयुक्त, आदिवासी विभाग
सरगुजा में पीएम जनमन योजना की स्थिति: सरगुजा में पीएम जनमन योजना के तहत गांव खाला के कोरवापारा में 31 फीसदी PVTG परिवारों के यहां बिजली पहुंचाई गई है. पीएम सौभाग्य योजना के तहत इस गांव में सभी आदिवासी परिवारों को बिजली और मीटर कनेक्शन दिया गया है. इसके साथ ही यहां बिजली के लिए ट्रांसफर्मर की सुविधा में भी इजाफा किया गया है.
"आज हर घर में बिजली पहुंची है, प्रधानमंत्री ने हम विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए जो पीएम जनमन योजना शुरू की है, यह उसका असर है. इतने सारे योजनाओं का एक साथ लाभ दिला रहे है. आज हम सब बहुत खुश हैं": बितुलराम, खाला गांव कोरवापारा के निवासी
खाला गांव में बिजली पहुंचने से लोगों में खुशी: खाला गांव के कोरवापारा में ट्रांसफार्मर की सुविधा को 63 केवीए तक कर दिया गया है. लो वोल्टेज बिजली की समस्या को दूर करने के लिए थ्री फेज बिजली का केबल बिछाने का काम किया जा रहा है. बिजली सुविधा के गांव में पहुंचने के बाद लोगों में खुशी है. यहां के स्थानीय निवासी मोदी सरकार का शुक्रिया कर रहे हैं
"इस बस्ती में कुल 31 घर हैं, जिनकी आबादी 181 है. बसाहट में पहले बिजली की समस्या थी, पर अब हर घर मे बिजली आ गयी है, मीटर लग गया है. प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना से घर-घर में बिजली पहुंच गई है. प्रधानमंत्री को हमारे गांव में बिजली पहुंचाने के लिए धन्यवाद": बहादुरराम, खाला गांव कोरवापारा के निवासी
PVTG परिवारों के लिए तेजी से हो रहे काम: पूरे राज्य में PVTG बसाहटों में शिविर आयोजित किये जा रहे हैं. यहां सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने पहुंचकर पीवीटीजी परिवारों से संपर्क करने का काम तेजी से शुरू कर दिया है. उसके साथ ही सभी योजनाओं का लाभ PVTG परिवारों को दिया जा रहा है. उनके सारे प्रमाण पत्र भी बनवा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में PVTG की स्थिति: साल 2015-16 के सर्वे के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 5 प्रकार की जनजातियों को PVTG का दर्जा प्राप्त है. इनमे अबूझमाड़ी, बैगा, बिरहोर, कमार और पहाड़ी कोरवा जनजाति शामिल हैं. अबूझमाड़ी जनजाति नारायणपुर जिले के 2 ब्लॉक के 249 गांवों में बसते है. अबूझमाड़ी जनजाति के कुल 23,330 लोग यहां रहते हैं. जिनके परिवारों की संख्या 4786 है.
बैगा जनजाति की क्या है स्थिति: बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, कबीरधाम, कोरिया, मुंगेली और राजनांदगांव जिले में निवास करते हैं. इनके परिवारों की संख्या 24589 है. इनकी कुल 88 हजार से ज्यादा जनसंख्या यहां निकास करती है. PVTG में शामिल बिरहोर जनजाति की अधिकांश जनसंख्या बिलासपुर, जशपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले में निवास करते हैं. इन क्षेत्रों में कुल 304 परिवारों के 958 लोग निवास करते हैं. विशेष संरक्षित जनजाति में कमार जनजाति भी शामिल हैं. ये बलौदाबाजार, धमतरी गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव और महासमुंद जिले में निवास करते हैं. कुल 7474 कमार परिवार हैं. कमार जनजाति के लोगों की इस क्षेत्र में कुल जनसंख्या 26,622 है.
पहाड़ी कोरवा जनजाति के बारे में जानिए: छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग निवास करते हैं. बलरामपुर, जशपुर, कोरबा और सरगुजा जिलों में पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. इन क्षेत्रों में पहाड़ी कोरवा जनजाति के कुल 11235 परिवार हैं. जिनकी कुल जनसंख्या 44026 है. जानकारों के मुताबिक पीवीटीजी वर्ग के लिए पीएम जनमन योजना मील का पत्थर साबित हो सकती है