सरगुजा: सरगुजा जिले का एक छोटा सा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जो लगातार स्वास्थ्य सेवाओं में कीर्तिमान स्थापित करता आ रहा है. यहां की साफ सफाई इलाज की गुणवत्ता के कारण इसे कई अवॉर्ड मिले लेकिन इस बार इस अस्पताल ने वो कर दिखाया जो अब तक जिला अस्पतालों में संभव नहीं हो सका है. यहां कैंसर के इलाज में सबसे अधिक प्रभावी और खर्चीले कीमोथेरेपी को सफल बनाया गया है.
अब तक दो मरीजों हुए कैंसर से ठीक:यह चुनौती अम्बिकापुर के नवापारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने स्वीकार की और आज दो कैंसर पीडित यहां से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. सूरजपुर जिले के एक कैंसर पीडित कृष्णा चंद्र आज यहां इलाज कराकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं. कैंसर से ठीक हो चुके मरीज कृष्णा चंद्र ने बताया कि "पेट मे दर्द रहता था. डाक्टर ने बताया प्राइवेट पार्ट में कैंसर हो गया है. नवापारा अस्पताल में इलाज हुआ. 7 बार कीमो किया गया. जनवरी में जांच कराया तो रिपोर्ट नार्मल आई. यहां दवाई, इंजेक्शन समेत पूरा इलाज निःशुल्क किया गया."
आर्थिक स्थिति है खराब:कृष्णा चंद्र जो कैंसर होने के पहले तक हमाली का काम करते थे. लेकिन बीमारी के कारण वो काम से भी बैठ चुके थे. आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि आने जाने का किराया भी नहीं वहन कर पाते. नवापारा में इनका निशुल्क इलाज हुआ. कीमोथेरेपी की महंगी दवाइया शासन ने निशुल्क उपलब्ध कराई और आज कृष्णा स्वस्थ हैं.
यहां हो रहा फ्री में इलाज:नवापारा में कीमोथेरेपी करा रही मरीज रनिया चौधरी ने बताया कि "स्तन कैंसर हुआ है, नवापारा में इलाज करा रही हूं, अच्छा इलाज हो रहा है. इलाज फ्री में हो रहा है, गरीब हैं इसलिये कोई बताया कि नवापारा में इलाज होता है. बाबा के पास गए तो बोले की नवापारा में जाइये. फिर हम लोग यहां आए तो दवाई चालू हुआ."
डेढ़ साल पहले यहां कैंसर का इलाज हुआ था शुरू :शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अमीन ने बताया कि "डेढ़ साल पहले जब हमने यहां कीमोथेरेपी शुरू किया था तब से लेकर आज तक 9 सौ मरीजों की स्क्रीनिंग की गई और 257 मरीज डिटेक्ट हुये. इन 257 मरीजो की कीमोथेरेपी यहां की जा रही है. ये अपने आप मे बहुत बड़ी उपलब्धि है. ये पूरी थेरेपी निशुल्क की गई है. अगर कॉस्ट की बात करें तो 63 लाख रुपये का इलाज हम लोगों ने यहां निशुल्क किया है. आज रायपुर और मुंबई में जो इलाज हो रहा है वही कीमोथेरेपी अंबिकापुर में हो रही है."
हर कीमो पर 25 हजार का खर्च:शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अमीन ने आगे बताया कि "डॉ. अमीन कहते हैं एक केमोथेरेपी का खर्चा 25 हजार होता है. लेकिन कुछ दवाइयां 44 हजार 65 हजार 71 हजार तक की हैं. जिससे कीमोथेरेपी वालों का बजट बिगड़ जाता है. ये पूरी दवाइयां यूनिवर्सल हेल्थ केयर की डॉ. खूबचन्द बघेल योजना के तहत निशुल्क उपलब्ध कराई गई है. विश्व कैंसर दिवस के असर पर 2 मरीज यहां से पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं."