सरगुजा: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ETV भारत से खास बातचीत की है. Health Minister TS Singhdeo said on 2023 prospects उन्होंने साल 2023 की संभावनाओं, आने वाली समस्याओं और बचे हुये कार्यों को पूरा करने पर अधिक जोर दिया है. उन्होंने छत्तीसगढ़ में अटके आरक्षण बिल और अन्य समस्यायों पर भी चिंता जाहिर की है. सिंहदेव ने देश, प्रदेश और अपने संभाग के लिये भविष्य की चुनौतियों पर भी अपनी बात रखी.
"यूरोप-अमेरिका में रिसेशन का प्रभाव": स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस विशेष बातचीत में बताया "देश के स्तर पर अर्थ व्यवस्था अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है. देश की सीमाओं की सुरक्षा अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है. बेरोजगारी कहें या रोजगार की उपलब्धता, ये चिंता का विषय बनी हुई है और ये माना जा रहा है कि आने वाले समय में यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में रिसेशन आ सकता है. चीन की भी स्थिति अच्छी नहीं है. इन परिस्थितियों में अगर वहां भारत से निर्यात होने वाली वस्तुओं की संख्या कम होगी, तो हमारा निर्यात कम होगा. हमारा निर्यात कम होगा, तो हमारी अर्थव्यवस्था पर सीधे उसके पैसे के रोटेशन की बाधा आने से विपरीत प्रभाव पड़ेगा."
"क्रय-विक्रय चक्र को सही करने की जरूरत":स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि "अगर सामग्री बिकेगी नहीं, तो सामग्री बनेगी नहीं और अगर सामग्री बनेगी नहीं, तो उसका असर रोजगार के ऊपर भी आयेगा. मनमोहन सिंह जी के समय में जब विदेशों में, यूरोप में, अमेरिका में ऐसी स्थिति बनी थी, तो देश के अंदर क्रय क्षमता को रोजगार गारंटी जैसी योजनाओं और अन्य माध्यमों से बढ़ाया गया था. जिससे लोगों के पास पैसे हों, ताकि वो चीजें खरीद सकें. इस चक्र के तरफ ध्यान देने की विशेष आवश्यकता पड़ेगी."
चीन पर नियंत्रण को बताया जरूरी: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि "सीमा पर चीन के तेवर लगातार नकारात्मक हैं. जो भी पहल राष्ट्रीय स्तर पर अधिकारियों की, नेताओं की, रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री के स्तर पर हो रही है, वो नाकाफी दिख रहा है. चीन और पाकिस्तान मिलकर जिस इकोनॉमिक रुट का निर्माण कर रहे हैं, वो हमारी सीमाओं के बेहद करीब से गुजरता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि हम उस मार्ग के करीब 2-3 किलोमीटर की दूरी पर हैं और हम ऊंचे के स्थान पर हैं, स्ट्रेटजेकली हम मजबूती के स्थान पर हैं, उस स्थिति को संभालने की जरूरत पड़ेगी.''
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"रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था की जरूरत":स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि "रोजगार अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ा रहता है. इस पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना दिख रही है. इस साल के शुरुआत में भी हमने देखा की कई कंपनियां हैं, वो लोगों को काम से बैठा रहे हैं, तो इस ट्रेंड को रोककर वैकल्पिक रोजगार हमको उपलब्ध कराना पड़ेगा. रोजगार दुर्भाग्य से आम जनों की सोच में सरकारी नौकरी से बनता है. जबकि सरकारी नौकरी आबादी का 1 प्रतिशत होता है. सरकारी नौकरी हमेशा सीमित रहेगी. कोई भी सरकार आये, एक सीमा से ज्यादा सरकारी नौकरी दे ही नहीं सकती."
आरक्षण की स्थिति पर जाहिर की चिंता:स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि "आरक्षण छत्तीसगढ़ के लिये एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने रहेगा. सरकार ने एक नया बिल पारित किया है, जिसमें आरक्षण को 76 फीसदी किया है. ये अनहोनी बात नहीं है कि पहली बार छत्तीसगढ़ जागा और चांद सितारों से कुछ लाने ये कोशिश कर रहा है. तमिलनाडु में 68 फीसदी आरक्षण है और उसमें 10 फीसदी EWS को आप जोड़ देते हैं, तो 78 फीसदी आरक्षण हो जाता है. ये नहीं है कि छत्तीसगढ़ की सरकार कोई नया शिगूफा छोड़ रही है.''