सरगुजा: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरगुजा की पुरकेला ग्राम पंचायत में 10 लाख 50 हजार रुपये की लागत से गोबर गैस संयत्र लगाया गया है. गोबर से मीथेन गैस निकलने के बाद जो भी अवशेष बचता है. उसे खाद के तौर पर खेतों में उपयोग किया जाता है.
गोबर गैस संयंत्र ने बदली जिंदगी घर से गोबर इकट्ठा करने से लेकर उसे प्लांट में प्रोसेस करने तक का काम गांव की महिलाओं की ओर से बनाए गए एक स्वसहायता समूह को दिया गया है. प्रोसेस के दौरान संयंत्र में जौ गैस बनती है उसे गांव में मौजूद 25 किसानों को सप्लाई किया जाएगा जो भी खाद बचेगी उसे गांव के किसानों को बेचा जाएगा, जिससे समूह की महिलाओं को आमदनी होगी.
स्वच्छता दुकान से हो रहा फायदा
गोबर गैस संयंत्र के पास ही स्वच्छता दुकान का निर्माण कराया गया है, इस दुकान में स्वच्छता से जुड़े कई सामान मौजूद रहेंगे. इन दुकान में महिलाओं के लिए खास तरह के सेनेटरी नैपकिन भी मौजूद रहेंगे, ये नैपकिन पूरी तरह इको फ्रेंडली है जो इस्तेमाल के बाद मिट्टी में मिल कर खुद ब खुद नष्ट हो जाता है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत गोवर्धन योजना को जिले में पहली बार इस रूप में शुरू किया जा रहा है यह बायोगैस संयंत्र मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर बनाया गया है.
आठ और संयत्र लगाने की है योजना
इसके साथ ही जिले में 8 अन्य गोबर गैस संयंत्रों की स्वीकृति भी जिला पंचायत में दे दी है और धीरे-धीरे पूरे जिले में ऐसे संयत्र स्थापित करने की योजना जिला पंचायत की ओर बनाई जा रही है प्रशासन की इस कोशिश की जितनी तारीफ की जाए वो कम है. इस प्रयास से जहां ग्रामीणों को महंगी गैस की मार से बचाने के लिए यह एक सफल प्रयास साबित होगा.