सरगुजा: छत्तीसगढ़ में सरकारी योजनाएं कैसे दम तोड़ रही हैं, इसका ताजा उदाहरण सरगुजा में देखने को मिला है. जिले में संचालित फुलवारी केंद्रों को बीते दो साल से राशि नहीं मिल रही है. इसके कारण फुलवारी केंद्र बंद पड़ा है, लेकिन दो साल के किसी जिम्मेदार ने इसकी सुध तक नहीं ली है.
क्यों खोले गए थे फुलवारी केंद्र
छत्तीसगढ़ में बच्चों को कुपोषण से बचाने, प्रसूताओं और गर्भवती महिलाओं में कमजोरी दूर करने के लिए महिला एवं बाल विकास ने फुलवारी केंद्र खोले थे. 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार देने की योजना थी. बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए और गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार देने के लिए फुलवारी केंद्र में खाना बनाकर बच्चों और गर्भवती माताओं को भोजन कराया जाता था, लेकिन कुपोषण दूर करने वाली योजना खुद बीते दो साल से कुपोषण का शिकार होती दिख रही है.