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हसदेव के परसा और केते बेसेन में वन विभाग को रोकनी पड़ी पेड़ों की कटाई - परसा और केते बेसेन में वन विभाग को रोकनी पड़ी पेड़ों की कटाई

परसा और केते बेसेन में पुलिस के पहरे में पेड़ों की कटाई शुरू हुई. गांव वालों ने पेड़ों की कटाई का विरोध किया. जिसके बाद वन विभाग को पेड़ों की कटाई रोकनी पड़ी

cutting of trees in parsa
परसा केते में पेड़ों की कटाई का विरोध

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Published : May 30, 2022, 11:51 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: जिले के विकासखंड उदयपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम घाटबर्रा पेंड्रामार जंगल में सोमवार को वन अमला पेड़ की कटाई कर रहा था. सैकड़ों की संख्या में मौजूद पुलिस बल की उपस्थिति में परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का काम सुबह 7 बजे शुरू किया गया था. ग्रामीणों की कम संख्या में उपस्थिति के दौरान पेड़ों की कटाई मशीनों के माध्यम से धड़ल्ले से की जा रही थी. सुबह 8:15 बजे के करीब 100 से ऊपर ग्रामीण लाठी-डंडों से लैस होकर पहुंचे. ग्रामीणों की बढ़ती भीड़ के बाद पेड़ों की कटाई वन अमले को रोकनी पड़ी. लेकिन ग्रामीणों का विरोध लगातार जारी रहा.


महिलाएं पेड़ों के आगे हो गई खड़ी:ग्रामीणों के भारी विरोध के आगे पेड़ों की कटाई करने वालों की एक न चली. जैसे ही पेड़ों की कटाई लोग शुरू करने की कोशिश करते थे. महिलाएं पेड़ों के सामने खड़ी हो जाती थी. लोग पुलिस प्रशासन एवं भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पेड़ों की कटाई का काम वन अमला द्वारा बंद कर दिया गया.

परसा में पेड़ों की कटाई
ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाए आरोप:ग्रामीणों के पहुंचने से पहले तक वन अमले के द्वारा करीब 200 से अधिक पेड़ों की कटाई मशीनों के माध्यम से कर लेने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. बड़े पेड़ों को काटने में लगभग 2 मिनट का समय लग रहा था 10 से 12 पेड़ काटने के लिए स्पेशलिस्ट लोगों से पेड़ों की कटाई की जा रही थी. ऑटोमैटिक आरी मशीन के द्धारा पेड़ों की कटाई की जा रही थी.



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मौके पर पुलिस अधिकारी रहे मौजूद: परसा और केते में पेड़ों की कटाई के दौरान पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा.अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, एसडीओपी अखिलेश कौशिक थाना प्रभारी उदयपुर धीरेंद्र नाथ दुबे एवं जिले के विभिन्न थानों के प्रभारियों के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल जंगल के चप्पे-चप्पे पर मौजूद रहे. लोगों को प्रवेश नहीं देने के लिए जंगल प्रवेश स्थल के समीप रस्सी का घेरा बनाया गया था. बावजूद इसके कोल खदान का विरोध करने वाले ग्रामीण मौके पर सैकड़ों की संख्या में पहुंच गए.


ड्रोन से की गई निगरानी:प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के पूर्व के विरोध को देखते हुए निगरानी के लिए 2 ड्रोन कैमरे भी लगाए गए थे. ड्रोन कैमरे के माध्यम से आसमान से विरोध करने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही थी. इसी दौरान सुबह 8 बजे के करीब छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे एवं पेड़ों की कटाई का विरोध करते हुए जंगल में ही धरने पर बैठ गए. उनके साथ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण भी धरने पर बैठे हुए नजर आए.

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गांव वालों ने जंगल में खाना खाया:ग्रामीणों ने जंगलों में डेरा डाल दिया वह मौके से टस से मस नहीं हुए. उन्होंने जंगलों में ही खाना खाया. चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल ने कहा जंगलों को काटने से पहले छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष का गर्दन काटना पड़ेगा तब पेड़ों की कटाई होगी. किसी भी सूरत में जंगल नहीं कटने देंगे. आपको बता दें कि इसी आंदोलन स्थल से छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल को गिरफ्तार किया गया. बताया जा रहा है कि जैन संतों के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में उन्हें बालोद पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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