सरगुजा: छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले जिले के मैनपाट में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की बड़ी लापरवाही सामने आई है. मैनपाट ब्लॉक के ग्राम पंचायत सपनादर में फॉरेस्ट लैंड की भूमि में गौठान निर्माण के लिए फॉरेस्ट लैंड का चयन किया गया है. इसमें मनरेगा के तहत मजदूरों से डबरी व अन्य निर्माण कार्यों का काम कराया जाना था, लेकिन फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने जेसीबी के माध्यम निर्माण कराया गया है. इसके कारण मजदूरों को कोरोना काल में भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है.
एक तरफ मजदूरों को कोरोना काल में काम न मिलने से अपनी जीविका चलाने के लिए काफी परेशान हो रही है. वहीं दूसरी तरफ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट मनरेगा के तहत किए जाने वाले काम को भी जेसीबी के माध्यम से कराया जा रहा है, जिससे मजदूरों का रोजगार छिन गया है. वहीं, पूरे मामलों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने फॉरेस्ट विभाग से बातचीत की तो उन्होंने अपनी लापरवाही मानते हुए बताया कि मजदूर मनरेगा के काम में जाना नहीं चाह रहे थे, इसलिए हमें जेसीबी से काम कराना पड़ रहा है.