सरगुजा: लगातार हो रही बारिश अब परेशानी का सबब बनती जा रही है. प्रदेश के कई जिलों में नदियों के बढ़े जलस्तर के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. वहीं प्रदेश में स्थित सभी छोटे बड़े जलाशय भी लगभग भर चुके हैं. आलम ये है कि बड़ी मात्रा में एकत्रित पानी को छोड़ना पड़ रहा है. सरगुजा में भी लगभग हालात ऐसे ही हैं. यहां बीते 2 दिनों में जोरदार बारिश हुई है. अंबिकापुर शहर से लगे घुनघुट्टा डेम में भी पानी भर चुका है. रेंड नदी के किनारे बसे क्षेत्रो में अलर्ट जारी किया गया है.
घुनघुट्टा डेम से छोड़ा गया 1 हजार क्यूसेक पानी पर्याप्त पानी होने के बावजूद हो रही बारिश के कारण डेम में पानी का आवक बढ़ा है. लिहाजा डेम के सभी 8 गेट खोलने पड़े हैं. बुधवार की देर शाम तक गेट खोलने के बाद भी 85 सेंटीमीटर से ज्यादा पानी था. मैनपाठ की तरफ से काफी मात्रा में पानी बांध के अंदर आने की वजह से गेट ज्यादा समय तक खोले जाएंगे. घुनघुट्टा नदी से आगे मिलने वाली रेंड नदी में पानी बढ़ने के आसार दिख रहे हैं. प्रशासन इसे लेकर तैयारी में लगा हुआ है.
पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा: जानिए मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने किन मुद्दों पर घेरा सरकार को
प्रशासन ने जारी किए निर्देश
बाढ़ की संभावना को देखते हुए जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियन्ता ने सूचित किया है कि बुधवार की सुबह घुनघुट्टा श्याम परियोजना बांध से 1 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके कारण रेंड नदी में जलस्तर बढ़ रहा है. जिसके आगे और बढ़ने की संभावना भी है. लिहाजा सभी तहसीलदारों को सतर्क रहते हुए नदी किनारे के गांव में मुनादी करवाने के निर्देश दिए गए हैं. पंचायत सचिव, पटवारी, कोटवार, रोजगार सहायको को लोगों को समझाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही निर्देश यह भी हैं की निचले इलाकों, मुहल्लों को चिह्नांकित करें, यदि परिवारों को हटाना आवश्यक हो तो, वैकल्पिक भवनों को भी चिह्नांकित करें. ऐसे परिवारों के लिए भोजन इत्यादि व्यवस्था की योजना भी बनाएं. अपने जनपद CEO और थाना प्रभारीयों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश प्रशासन ने दिए हैं.