छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

सरगुजा में ब्लैक फंगस से पहली मौत, 55 साल की महिला ने गंवाई जान, नहीं थी कोविड हिस्ट्री - म्यूकरोमाइकोसिस

ब्लैक फंगस, म्यूकरोमाइकोसिस बीमारी ( black fungus) छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहा है. सरगुजा में ब्लैक फंगस और म्यूकरोमाइकोसिस (Mucromycosis) से पहली मौत हुई है. एक 55 साल की महिला ने इस घातक बीमारी से जान गंवाई है. अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक 5 ब्लैक फंगस के मरीजों की पहचान हुई है. (death due to black fungus)

first-death-due-to-black-fungus
सरगुजा में ब्लैक फंगस से पहली मौत

By

Published : Jun 18, 2021, 4:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा:ब्लैक फंगस से सरगुजा में पहली मौत हुई है. इलाज और ऑपरेशन के बाद भी मरीज को बचाया नहीं जा सका है. बता दें जिस मरीज की मौत हुई है उसकी कोई भी कोविड हिस्ट्री नहीं है. जानकारी के मुताबिक बेकाबू डायबिटीज की वजह से वो ब्लैक फंगस की चपेट में आ गई थी. अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक 5 ब्लैक फंगस के मरीजों की पहचान हुई है. बता दें 2 मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है. वहीं 2 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है. जबकि एक मरीज की मौत इस घातक बीमारी से हुई है. जिस महिला की मौत हुई है वह 55 साल की बताई जा रही है. वह सरगुजा के भट्टीकला की रहने वाली थी

5 साल के बच्चे में दिखे ब्लैक फंगस के लक्षण

सीतापुर ब्लॉक के ग्राम रजौटी के 5 साल के बच्चे के परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टर बच्चे को देखकर हैरान रह गए. क्योंकि बच्चे की आंखों में काले निशान (black marks in eyes) थे, और आंखें काफी सूज गई थी. बच्चे की दोनों आंखे बंद हो गई थी. बाईं आंख में भी काले धब्बे और सूजन आने शुरू हो गए थे. जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे में ब्लैक फंगस की आशंका जताते हुए तुरंत बच्चे को परिजनों के साथ अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Ambikapur Medical College Hospital) रेफर कर दिया.

ब्लैक फंगस और कोरोना जैसी बीमारियों का दिमाग पर कैसा असर?

8 जून तक के आंकड़ों पर एक नजर

प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं. 8 जून तक प्रदेश में 259 केस सामने आए हैं, जिनमें से 13 मरीज डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं, हालांकि 16 मरीजों ने इस बीमारी से अपनी जान गंवाई है. रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Raipur AIIMS) की बात की जाए, तो रायपुर एम्स में अब तक डॉक्टर्स ने 79 मरीजों के ऑपरेशन कर म्यूकरोमाइकोसिस (Mucromycosis) का इलाज किया है.

Black fungus in Surajpur: सूरजपुर में ब्लैक फंगस का एक और मरीज मिला

रोजाना ब्लैक फंगस के 6 से 7 मरीजों के हो रहा ऑपरेशन

एम्स के सात विभागों के 100 से अधिक चिकित्सकों की टीम प्रतिदिन औसतन 6 से 7 ब्लैक फंगस (म्यूकरोमाइकोसिस) का जटिल ऑपरेशन कर रही है. इसके लिए 5 ऑपरेशन थियेटर को रिजर्व किया गया है. जहां प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है. ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए एम्स में 8 वार्ड बनाए गए हैं. इसके अलावा ICU और कोविड वार्ड में भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. डॉक्टरों की टीम की अगुवाई एम्स रायपुर के निदेशक डॉक्टर नितिन एम नागरकर कर रहे हैं. प्रोफेसर नागरकर ने बताया कि प्रदेश में पहले भी एम्स द्वारा ब्लैक फंगस के रोगियों का इलाज किया जा रहा है. इस वर्ष रोगियों की संख्या काफी अधिक हो गई है. इसे देखते हुए ऑप्थोमोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, मेडिसिन, सर्जरी, एनेस्थिसिया सहित सात विभागों के 100 चिकित्सकों की टीम बनाई गई है, जिसमें वरिष्ठ डॉक्टर्स से लेकर जूनियर डॉक्टर्स तक शामिल हैं. वे प्रतिदिन 6 से 7 ऑपरेशन कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details