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सरगुजा में खाद संकट, डीएपी की कमी और इफको गायब

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Published : Jun 24, 2022, 2:50 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा में खाद और यूरिया की कमी ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. दूरस्थ क्षेत्रों में किसानों को यूरिया, डीएपी खाद और अन्य उर्वरक नहीं उपल्बध हो पा रहा है, जिससे किसान खासा परेशान हैं. (fertilizer crisis in surguja)

fertilizer crisis in surguja
सरगुजा में खाद्य संकट

सरगुजा: खरीफ सीजन शुरू होने के बाद सरगुजा संभाग के दूरस्थ क्षेत्रों में डीएपी खाद व यूरिया की कमी ने किसानों को परेशानी में डाल दिया (fertilizer crisis in surguja ) है. रैक प्वाइंट से यूरिया, खाद निकलने के बाद भी समितियों में नहीं पहुंच पा रहा है. बड़ी बात यह है कि ट्रांस्पोर्टिंग कंपनी भाड़ा अधिक लगने का हवाला देकर जिले के दूरस्थ क्षेत्रों तक इनकी सप्लाई करने से कतरा रहे हैं. जिससे जिले में स्टॉक होने के बाद भी दूरस्थ क्षेत्र के किसानों को यूरिया, डीएपी खाद व अन्य उर्वरक नहीं मिल पा रहा है. किसानों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है. वहीं, डीएपी की सप्लाई बेहद कम होने की वजह से डीएपी का विकल्प खोजने में भी प्रशासन जुट गई है.

सरगुजा में खाद और यूरिया की कमी

सरगुजा में खाद की किल्लत से परेशान किसान: बारिश शुरू होने के साथ ही किसान खेती किसानी में व्यस्त हो गए है. खरीफ सीजन में धान की खेती के लिए किसान तैयारियां कर रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच डीएपी यूरिया व एनपीके खाद की किल्लत ने किसानों की समस्या बढ़ा दी है. हालांकि केंद्र से ही राज्यों में निर्धारित मांग के विपरीत कम मात्रा में डीएपी यूरिया की सप्लाई की जा रही है, जिससे सभी जिलों में इसकी किल्लत बनी हुई है. लेकिन बलरामपुर जिले की बात की जाए तो यहां समस्या और भी बढ़ गई है.

रैक प्वाइंट से ट्रांसपोर्टिंग:दरअसल, रैक प्वाइंट से यूरिया, खाद व अन्य उर्वरक को समितियों तक पहुंचाने का कार्य ट्रांस्पोर्टिंग कंपनी कर रही है. लेकिन बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर, बलरामपुर, कुसमी सहित अन्य विकासखडों के दूरस्थ समितियों में कंपनी द्वारा सप्लाई नहीं किया जा है. कंपनी ट्रांस्पोर्टिंग खर्च अधिक होने का हवाला दे रही है. लेकिन इससे समितियों में समस्या उत्पन्न हो गई है. रोजाना किसान अपनी खेती-बाड़ी का महत्वपूर्ण कार्य छोड़कर समिति आ रहे हैं. समिति में डीएपी यूरिया नहीं पहुंचने से प्रतिदिन उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है.

नहीं आया इफको:खाद संकट केंद्र से आने वाले पहले ट्रिप में ही दिखने लगा है. सरगुजा में 18 हजार टन यूरिया आया है. जबकि डीएपी 43 हजार टन की मांग पर महज 3 हजार टन ही आया है. बड़ी बात यह है कि सरगुजा में इफको आया ही नहीं है. ऐसे में रासायनिक खाद का संकट साफ दिखाई दे रहा है. वैसे भी रूस और यूक्रेन युद्ध के प्रभावों के बाद यही उम्मीद जताई जा रही थी कि भारत में खाद संकट आ सकता है. फिलहाल अधिकारी इस खाद संकट का विकल्प तलाश रहे हैं.

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इफको और डीएपी का तलाश रहे विकल्प:किसानों की समस्या पर सरगुजा संभागायुक्त जी.आर.चुरेन्द्र ने बताया, "सरगुजा में सुपर फास्फेट और यूरिया है. इफको और डीएपी की दिक्कत है. इफको आ नहीं पाया है जबकि डीएपी कम आया है. अभी मैंने विभगों से बात की है. उन्हें कहा है कि वो गांव में जाएं और किसानों से बैठकर बात करें कि क्या सुपर फास्टेट और यूरिया मिलाकर के रोपा लगाते समय उपयोग कर सकते हैं क्योंकि ये डीएपी का एक विकल्प बन जाता है. वर्मी खाद का उपयोग बोनी और रोपा के समय किसान कर लेते हैं. ये बहुत कारगर होगा...इससे हम लोग इफको और डीएपी के संकट का विकल्प बना सकते हैं."

समिति तक पहुंचाने का नहीं होता अनुबंध: उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्टर को डबल लॉक तक पहुंचाना होता है. वो समिति तक खाद नहीं पहुंचाता है. डबल लॉक व्यवस्था में दूरस्थ जिलों में प्रॉब्लम है. जैसे कोरिया, जशपुर, बलरामपुर...वहां कलेक्टरों ने व्यवस्था बनाई है कि दो गोदाम बनाकर रखे. गोदाम से समिति तक खाद डिस्ट्रीब्यूट कराया जा रहा है."

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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