नारायणपुर: छत्तीसगढ़ राज्य के कल्याण कारी योजना 'नरवा, गरुवा, घुरवा बारी' को सुचारू ढंग से गांव-गांव तक गरीब तबके के किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए विशेष तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में मुख्य कृषि अभियंता नागेश ने घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर के बेलगांव क्षेत्र में किसानों को खेती से होने वाले फायदों की जानकारी दी.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर फसल के लिए कृषि विभाग ने किसानों को दी ये सीख
राज्य के कल्याण कारी योजना 'नरवा, गरुवा, घुरवा बारी' को सुचारू ढंग से गांव-गांव तक गरीब तबके के किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए विशेष तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में मुख्य कृषि अभियंता नागेश ने घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर के बेलगांव क्षेत्र में किसानों को खेती से होने वाले फायदों की जानकारी दी.
खेत नहीं होंगे बंजर
उन्होंने कहा घरों में मिलने वाले गाय के गोबर और बाड़ी से निकलने वाले कचरे को रासायनिक खाद से अच्छी खेती करके फसल उगा सकते हैं. गोबर से हम वर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद बनाकर ज्यादा से ज्यादा फसल तैयार कर सकते हैं. यह केंचुआ खाद किसान और जमीन के लिए अमृत जैसा है. इससे हमारी जमीन लंबे समय तक उपजाऊ रह सकता है.
हानिकारक है रासायनिक खाद
मुख्य कृषि अभियंता ने बताया आज की आधुनिक दुनिया में रासायनिक खाद किसान को भले ही ज्यादा मात्रा में फसल देती है, लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और जमीन बंजर बन जाती है. किसान अत्यधिक मात्रा में फसल लेने के कारण रासायनिक खाद और कीटनाशक का उपयोग करता है, जिससे मानव शरीर को कई बीमारी होती है और आने वाली पीढ़ी को इसका परिणाम भोगना पड़ेगा.