सरगुजा: छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से धान की खरीदी शुरू हो चुकी है. सहकारी समितियों के माध्यम से सरकार किसानों से धान खरीद रही है. पंजीकृत किसान अपने दर्ज रकबे के अनुसार समितियों में धान लेकर आ रहे हैं. भीड़ से बचने के लिए टोकन का नया तरीका निकाला गया है. इससे पहले किसान समिति में टोकन लेते थे. टोकन के अनुसार उन्हें पता होता है कि उन्हें धान लेकर किस दिन समिति में आना है. जिससे भीड़ और अव्यवस्था जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है. लेकिन धान खरीदी के शुरुआती दिनों में धान खरीदी केंद्रों में किसानों की संख्या कम दिख रही है. जबकि कई सालों में देखा गया है कि खरीदी के आखिर दिन पास आते हैं. तब किसानों की भीड़ समितियों में जमा हो जाती है.
धान खरीदी केंद्र पर नहीं पहुंच रहे किसान Chhattisgarh Paddy procurement 2021: बस्तर में धान खरीदी पर विपक्ष के गंभीर आरोप
शुरूआती दिनों में कम आते हैं किसान
आखिर क्या वजह है कि शुरुआत के दिनों में किसान कम संख्या में धान बेचने पहुंच रहे हैं. इस बात की पड़ताल करने हम अम्बिकापुर के सरगंवा में स्थित नमनाकला धान खरीदी केंद्र पहुंचे और किसानों से जाना कि क्या कारण है किसान खरीदी केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं. धान खरीदी केंद्र के स्टाफ ने बताया कि शुरुआत के दिनों में किसान कम आते हैं. समिति के लोग फोन कर के किसानों को धान लेकर आने का आग्रह करते हैं. कुछ जागरूकता की कमी है. जिससे किसान पहले नहीं आते हैं. लेकिन जब हमने यहां किसानों से बात की तो अलग तरह की बात सामने आई. किसानों से पता चला कि धान की कटाई की नहीं हो सकी है. किसी का धान अभी खेत से नहीं काटा है तो किसी की मिसाई नहीं हो सकी है. इसलिए किसान अभी नहीं आ रहे हैं और यही वजह है कि अंतिम दिनों को किसानों की संख्या बढ़ जाती है.
धान खरीदी पर सियासत (Politics on Paddy Purchase)
धान खरीदी को लेकर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो चुकी है. भाजपा प्रदेश सरकार पर इस बात को लेकर हमलावर रहती है. कि हमारी सरकार 1 नवम्बर से धान खरीदी करती थी. ये सरकार एक महीने लेट धान खरीद रही है. जबकी एक महीने लेट से भी शुरू हुई खरीदी का आलम ये है कि अब भी किसानों की आमद धीमी है. वो अपने धान के पकने और कटने का इंतजार कर रहे हैं.