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ईटीवी भारत की खबर का असर: यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत लाया जाएगा - यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्र

रूस व यूक्रेन के बीच सीमा विवाद यूक्रेन में छत्तीसगढ़ के युवा भी फंस गए है. जिसे भारत लाने में तकरीबन 5 लाख रुपये लगेंगे. परिजन प्रशासन और शासन से मदद की गुहार लगा रह हैं.

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ईटीवी भारत की खबर का असर

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Published : Feb 17, 2022, 10:09 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा/बलरामपुर:रूस व यूक्रेन के बीच सीमा विवाद को लेकर निर्मित तनाव की स्थिति और युद्द की संभावना के बीच यूक्रेन में छत्तीसगढ़ के युवा भी फंस गए है. पढ़ाई सहित अन्य कारणों से यूक्रेन में लम्बे समय से रह रहे लोगों में सरगुजा अंचल के दूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुसमी के भी दो युवक हैं. जिनके परिजन उनकी घर वापसी की गुहार प्रशासन और सरकार से लगा रहे हैं . ETV भारत ने यह खबर प्रकाशित की थी.

जिसके बाद आज बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार ने भी युवाओं के परिजन और छात्रों से सम्पर्क के लिए एडिशनल कलेक्टर की ड्यूटी लगा दी है.अब प्रशासन यूक्रेन में फंसे छात्रों के घर वापसी व जरूरतों की जानकारी जुटा रहा है, जिसके बाद कलेक्टर राज्य शासन व केंद्र सरकार से बात कर आवश्यक पहल करेंगे. हालांकि बताया जा रहा है कि यूक्रेन से वापसी का किराया 25 हजार से बढ़कर सीधे 5 लाख तक पहुंच गया है. ऐसे में इतनी बड़ी राशि का इंतजाम करना बच्चों के माता-पिता के लिए संभव नहीं है.



ये है मामला

बलरामपुर के कुसमी शहर के रहने वाले छात्र रविकांत्र मैत्री जो कि 2019 से युक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. अब रूस और युक्रेन के बीच युद्ध होने की खबर पाकर उनके माता पिता परेशान हो गये हैं. उनके पिता परमेश्वर मैत्री और माता सहित परिवार के सभी सदस्य राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से छात्रों के सकुशल देश वापसी की अपील कर रहे है. शुभाशीष मिश्रा के पिता परमेश्वर मिश्रा माता सहित परिवार के सभी लोग युद्ध की खबर पाकर काफी दुखी हैं. ये परिजन अपने बच्चे को सकुशल देश वापसी की मांग कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि राज्य सरकार और भारत सरकार किसी तरह उनके बच्चे को अपने देश ले आए.

यह भी पढ़ें: यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के दो मेडिकल छात्र, परिजनों को सता रही सकुशल वापसी की चिंता

कलेक्टर ने दिया आश्वासन

मामले में बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि हम लगातार बच्चों और परिजनों के सम्पर्क में हैं. इसके लिए एडिशनल कलेक्टर की ड्यूटी लगाई गई है. बच्चों को कॉलेज प्रशासन की तरफ से भोजन की समस्या थी. बच्चे घर आना चाहते हैं लेकिन किराया को लेकर असमंजस की स्थिति है. मै स्वयं बच्चों से बात कर केंद्र और राज्य सरकार से बात करुंगा

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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