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Published : Aug 19, 2020, 1:02 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध प्रदर्शन

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 में बिजली के निजीकरण के विरोध में बुधवार को अंबिकापुर जिले में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने विरोध-प्रदर्शन किया. बिल के विरोध में बिजली कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. कर्मचारी काली पट्टी लगाकर इस बिल का विरोध कर रहे हैं.

employees protest against the Electricity Amendment Bill 2020
इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

अंबिकापुर: केंद्र सरकार के इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 और बिजली कंपनी के निजीकरण के फैसले के विरोध में बुधवार को विद्युत विभाग के कर्मचारियों और इंजीनियर्स ने काली पट्टी बांधकार काम किया. छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन एवं इंजीनियर्स के बैनर तले विद्युत कमर्चारियों ने सरकार के फैसले के खिलाफ संकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन किया है. कर्मचारियों के यूनियन का आरोप है कि सरकार कोरोना महामारी के बहाने बिल को पास कराना चाहती है, जो कि किसी भी स्तर पर सहीं नहीं है.

बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

केंद्र सरकार बिजली अधिनियम में बदलाव और बिजली कंपनी के निजीकरण की तैयारी कर रही है. सरकार के इस फैसले से विद्युत कमर्चारी संघ में आक्रोश है. कर्मचारियों ने इसके विरोध में 1 जून को भी धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के इस फैसले का असर आम लोगों पर पड़ेगा और उन्हें बिजली बिल में मिलने वाली छूट भी समाप्त हो जाएगी.

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क्या होगा नुकसान
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन के प्रांतीय सचिव जेके श्रीवास्तव का कहना है कि इस एक्ट के पारित होने से विद्युत दर में बढ़ोतरी होगी, जिसका खामयाजा कर्मचारियों और अधिकारियों सहित उपभोक्ताओं को भरना पड़ेगा. निजीकरण के कारण सुविधाएं सीमित होने के साथ-साथ मुफ्त में मिलने वाली बिजली सुविधाएं भी बंद हो जाएंगी.

इन राज्यों में फेल हुआ निजीकरण

आंदोलन कर रहे विद्युत कर्मचारियों ने बताया कि निजीकरण का यह प्रयोग ओडिशा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद, नागपुर, जलगांव, आगरा, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर आदि कई स्थानों पर पूरी तरह से विफल साबित हुआ है. इसके बावजूद इन्हीं विफल प्रयोगों को वित्तीय मदद देने के नाम पर केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों में थोप रही है. जो एक प्रकार से ब्लैकमेल है.

पढ़ें: बिजली कर्मचारियों ने इलेक्ट्रिसिटी बिल का काली पट्टी बांधकर किया विरोध-प्रदर्शन


नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉइज एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओ) के आह्वान पर देशभर में पॉवर सेक्टर में काम करने वाले तमाम 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित हुए हैं. इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के मसौदे पर केंद्रीय विद्युत मंत्री के 3 जुलाई को राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ हुई मीटिंग में 11 प्रांतों और 2 केंद्रशासित प्रांतों ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के निजीकरण के मसौदे का जमकर विरोध किया था. परिणाम स्वरूप 3 जुलाई की मीटिंग में केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने यह घोषणा की है कि राज्य सरकारों के विरोध को देखते हुए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के मसौदे में संशोधन किया जाएगा. लेकिन, राज्य के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक के डेढ़ माह बाद भी इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के संशोधित प्रारूप को विद्युत मंत्रालय ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है. कर्मचारियों का आरोप है कि केंद्र सरकार राज्यों पर दबाव डालकर निजीकरण का एजेंडा आगे बढ़ा रही है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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