सरगुजा: प्रतापपुर में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को सरकार के गाइडलाइन को मद्देनजर रखते हुए ईद मिलादुन्नबी की जुलूस निकाली गई. मस्जिद प्रांगण में सुबह से ही लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी. जुुलूस प्रतापपुर मस्जिद से निकलकर मुख्य चौक चौराहा होते हुए मस्जिद में पहुंची. प्रतापपुर में सुबह से ही पुलिस की टीम चौक चौराहों पर मौजूद रही.
सरगुजा: प्रतापपुर में धूम-धाम से निकली ईद मिलादुन्नबी की जुलूस
प्रतापपुर में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर ईद मिलादुन्नबी की जुलूस निकाली गई. प्रतापपुर में सुबह से ही पुलिस की टीम चौक चौराहों पर मौजूद रही.
इस दौरान जुम्मे की नमाज में लोगों ने कोरोना माहमारी से जल्द छुटकारा पाने की और देश में अमन और शांति के लिए दुआएं मांगी. साथ ही प्रतापपुर सहित आसपास के मुश्लिम समुदाय के लोग काफी संख्या में लोग मौजूद रहे. आज के दिन भारत और एशिया महादेश के कई इलाकों में पैगंबर के जन्म दिवस पर खास इंतजाम किया जाता है. मुसलमान जलसा-जुलूस का आयोजन करते हैं. घरों को सजाते हैं. कुरान की तिलावत और इबादत भी की जाती है. गरीबों को दान-पुण्य भी दिए जाते हैं.
गरियाबंद: ईद मिलादुन्नबी के लिए सजी मस्जिदें, आज हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर मनाया जा रहा त्योहार
इसलिए मनाते हैं ईद ए मिलादुन्नबी
ईद मिलादुन्नबी इस्लाम के इतिहास का सबसे अहम दिन माना जाता है. पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म इस तीसरे महीने के 12वें दिन हुआ था. इस दिन को मनाने की शुरुआत मिस्र से 11वीं सदी में हुई थी. फातिमिद वंश के सुल्तानों ने इस ईद को मनाना शुरू किया. पैगम्बर के इस दुनिया से जाने के चार सदियों बाद इसे त्योहार की तरह मनाया जाने लगा. इस मौके पर लोग रात भर जागते हैं. मस्जिदों में पैगंबर की दी गई कुरान और दीन की तालीम का जिक्र किया जाता है. इस दिन मस्जिदों में तकरीर कर पैगंबर के बताए गए रास्ते और उनके आदर्शों पर चलने की सलाह दी जाती है.